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जादू नहीं ‘प्लाज्मा थेरेपी’! कोविड के इलाज पर एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कही ये बड़ी बात

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्लाज्मा कोई जादू की पुड़िया नहीं है. इसका इस्तेमाल केवल वहीं किया जा सकता है जहां इसकी संभावना है.

नयी दिल्ली: एक समय कोरोना के इलाज में किसी संजीवनी की तरह देखी जा रही प्लाज्मा थेरेपी के बारे में अब अलग-अलग राय सामने आ रही है. खबरें ये भी हैं कि केंद्र सरकार प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना गाइडलाइंस से हटाने पर विचार कर रही है. अब, प्लाज्मा थेरेपी को लेकर दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का बयान सामने आया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी को लेकर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्लाज्मा कोई जादू की पुड़िया नहीं है. इसका इस्तेमाल केवल वहीं किया जा सकता है जहां इसकी संभावना है. प्लाज्मा थेरेपी से हर कोरोना मरीज का इलाज नहीं किया जा सकता.

प्लाज्मा थेरेपी से नहीं मिला ज्यादा फायदा

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के इलाज के दौरान अब तक जो हमने सीखा, उसके आधार पर कह सकते हैं कि सही जगह पर सही पद्दति के इलाज से ही मरीज को ठीक किया जा सकता है. डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर हमने ये आकलन किया है.

प्लाज्मा थेरेपी की सफलता के प्रति शंका

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी की सफलता या असफलता के बारे में कहना फिलहाल जल्दीबाजी होगी. हमें डेटा का अध्ययन करने की जरूरत है. डॉ. गुलेरिया ने बताया कि आईसीएमआर ने अपनी स्टडी में पाया है कि कई रोगियों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई लेकिन उनमें पहले से ही एंटीबॉडी था. यदि किसी मरीज में पहले से ही एंटीबॉडी है तो प्लाज्मा देने का कोई बहुत बड़ा फायदा नहीं मिलता.

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि प्लाज्मा थेरेपी ने मृत्यु दर को कम नहीं किया है.

प्लाज्मा थेरेपी पर क्यों तेज हो गई बहस

सवाल है कि प्लाज्मा की उपयोगिता को लेकर अचानक बहस तेज क्यों हो गई है. बता दें कि बीते दिनों इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया था कि नेशनल टास्क फोर्स ने प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल के बारे में चर्चा की थी.

ज्वॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप में भी प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल पर चर्चा की गई. डॉ बलराम भार्गव ने कहा था कि प्लाज्मा थेरेपी इलाज पद्दति को नेशनल गाइडलाइंस से हटाया जा सकता है.

आईसीएमआर निदेशक ने दिया था बयान

आईसीएमआर के निदेशक डॉ बलराम भार्गव के इस बयान के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वो राजनीति कर रही है. सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी से काफी लोग ठीक हुए. प्लाज्मा थेरेपी से ठीक होने वाले कोरोना संक्रमितों में वे भी शामिल हैं. सत्येंद्र जैन ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत दिल्ली सरकार ने की थी. अमेरिका में भी हमारी कोशिश को तारीफ मिली.

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में 2 हजार से ज्यादा लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है.

Posted By- Suraj Thakur

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