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vegetables price in jharkhand : महंगाई की मार आलू ‍45 और प्याज 80 किलो हुआ, हरी सब्जियों के भाव में भी तेजी

झारखंड में महंगी हुई सब्जी, हरी सब्जियों के भाव में भी तेजी

रांची : हरी सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने लोगों के होश उड़ा रखे हैं. आलू हाफ सेंचुरी यानी 50 रुपये के करीब और प्याज सेंचुरी (80 रुपये) लगाने की तैयारी में है. करीब दो महीने से यह स्थिति बरकरार है.

हालत यह है कि मध्यमवर्गीय परिवारों के लोग बहुत सोच-विचार के बाद हिम्मत जुटा कर ‘एक पाव’ या ‘आधा किलो’ सब्जी खरीद रहे हैं. गरीबों की पहुंच से तो सब्जियां अब बाहर हो चुकी है. थोक विक्रेताओं का कहना है कि उत्पादन और आवक कम है, जिसकी वजह से कीमतें बढ़ी हैं.

वहीं किसानों कहना है कि मौसम की मार से आलू-प्याज और हरी सब्जियों की फसलें खराब हो गयी है. दिसंबर तक नयी फसल आयेगी, इसके बाद ही सब्जियों की कीमतें कम होने की उम्मीद की जा सकती है.

खुदरा बाजार में सस्ती हरी सब्जी के नाम पर केवल कद्दू 25-30 रुपये प्रति किलो, बैंगन 30 रुपये प्रति किलो और पपीता 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. वहीं, परवल 40-50 रुपये, करेला 60 रुपये, भिंडी 70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. अन्य हरी सब्जियां भी 40-70 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही हैं. सब्जियों की महंगाई के बीच गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को आलू ने थोड़ी-बहुत राहत दे रखी थी.

लेकिन, अब तो यह भी महंगा मिल रहा हैं. फिलहाल, राजधानी की थोक मंडी पंडरा बाजार समिति में सफेद आलू 29-30 रुपये, लाल आलू 34-35 रुपये और प्याज 40-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, खुदरा बाजार में सफेद आलू 35-40 रुपये, लाल आलू 40-45 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. उधर, जुलाई तक प्याज 20 रुपये प्रति किलो में स्थिर था. जबकि, गुरुवार को प्याज का भाव 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

सब्जी 22 अक्तूबर 19 जुलाई

सफेद आलू 35-40 30

लाल आलू 40-45 35

प्याज 70-80 20

कद्दू 25-30 25-30

परवल 40-50 40

करेला 60 30

भिंडी 70 20

बैंगन 30 20

फूलगोभी 50-60 —-

बंदगोभी 60 30

बींस 80 40

टमाटर 45-50 60

हरी मिर्च 100-120 60-70

अदरक 60-70 —–

लहसुन 100-130 90-110

धनिया पत्ता 100-120 —-

मूली 15-20 20

पपीता 20 20

गाजर 50 40

इसलिए बढ़ी कीमतें

आलू-प्याज और अन्य हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ने के पीछे का कारण मौसम को बताया जा रहा है. किसानों के अनुसार, इस बार आलू की फसल कम हुई है. जबकि, बड़ी मात्रा में प्याज की फसल खराब हो गयी है. किसानों की मानें, तो चूंकि अब तक मौसम में गरमी बरकरार है और बीच-बीच में बारिश भी होती रही, इसलिए हरी सब्जियों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है. जो फसलें मौसम की मार से बच गयी, उनमें कीड़े लग गये.

posted by : sameer oraon

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