मुंगेर : मुंगेर से भागलपुर को जोड़नेवाले घोरघट बेली ब्रिज पर प्रशासन ने आवागमन बंद करा दिया है. पुल के मुहाने पर बेरिकेडिंग कर दी गयी है. पुल के नीचे की जमीन धंस गयी थी. एक दिन पूर्व ही प्रभात खबर ने इस मुद्दे को प्रकाशित किया था.
गुरुवार की शाम से मुंगेर से भागलपुर के बीच आवागमन पूरी तरह बंद हो गया. एनएच-80 दो भागों में बंट गया है. देर रात साढ़े नौ बजे बेरिकेडिंग के बाद सुल्तानगंज एवं बरियारपुर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी है. मुंगेर की ओर से आनेवाले वाहनों को सुल्तानगंज जाने के लिए बरियारपुर से खड़गपुर, तारापुर मार्ग में डायवर्ट किया जा रहा है. एनएच पर भारी संख्या में वाहनों की कतार लग गयी है.
जानकारी के अनुसार घोरघट बेली ब्रिज का दूसरा छोर, जो भागलपुर की तरफ है, के दाहिने साइड बेली ब्रिज के मुहाने पर सड़क मार्ग के नीचे सुबह में मिट्टी का एक बहुत बड़ा धसना गिरने से सड़क के नीचे पूरी तरह खोखला हो गया है. बेली ब्रिज के बगल में घोरघट पुल निर्माणाधीन है. जिस कारण छोटे वाहनों का आवागमन इसी बेली ब्रिज से होता था.
राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर स्थित घोरघट बेली ब्रिज के बंद हो जाने से मुंगेर-भागलपुर की दूरी 30 किमी बढ़ गयी है. भागलपुर जाने के लिए मुंगेर से अब बरियारपुर के रास्ते हवेली खड़गपुर, तारापुर होकर सुल्तानगंज पहुंचना होगा. इससे परेशानी बढ़ेगी, साथ ही खर्च भी बढ़ेगा.
2006 में एनएच 80 पर स्थित घोरघट पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 2007 में बेली ब्रिज का निर्माण दो करोड़ 65 लाख रुपये की राशि से हुआ था. बेली ब्रिज पर बड़े वाहनों का आवागमन पहले से ही बाधित है और घोरघट बेली ब्रिज का प्रवेश सड़क मार्ग में धसना गिरने से अब छोटे वाहनों का भी आवागमन बंद हो गया है. उल्लेखनीय है कि घोरघट पुल का निर्माण 15 वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है.
Posted by Ashish Jha