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jharkhand interstate bus service : रोज खुल रहीं बसें, तीन गुना भाड़ा देकर भी अपराधी जैसा महसूस कर रहे यात्री

झारखंड से अंतरराज्यीय बसों का परिचालन बंद है लेकिन इसके बावजूद रोजाना हो रहा है परिचालन

रांची : कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल झारखंड से अंतरराज्यीय बसों का परिचालन बंद है. इसके बावजूद रोजाना सैकड़ों यात्री बसों में गाय-बकरियों की तरह ठूंस कर बिहार, यूपी, बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में भेजे जा रहे हैं. इन बसों में न तो सोशल डिस्टैंसिंग दिखायी देती है और न ही यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाती है.

इन बसों में सफर करनेवाले यात्रियों से दो से तीन गुना भाड़ा वसूला जा रहा है. वहीं, यात्रियों को हर वक्त यह डर सताता रहता है कि अगर बीच रास्ते में बस पकड़ ली गयी, तो उनका सफर और भी मुश्किल हो जायेगा. लेकिन, यात्रियों की परेशानी से बेखबर

सामान्य दिनों में झारखंड से बिहार, उत्तर प्रदेश, कोलकाता के लिए 300 बसें चलती हैं. मौजूदा समय में चोरी-छिपे लगभग 125 बसें चलायी जा रही हैं. इनमें 100 से अधिक बसें बिहार जा रही हैं. वहीं, 20 बसें कोलकाता, यूपी और कुछ बसें छत्तीसगढ़ के लिए चल रही हैं. बिहार जानेवाली कुछ बसें रातू के सिमलिया से रिंग रोड होते चलती हैं.

वहीं, कुछ बसें खेलगांव मोड़, मनन विद्या और विकास विद्यालय के समीप से भी खुल रही हैं. इन बसों के आगे गंतव्य के रूप में झारखंड के विभिन्न जिलों का बोर्ड लगाया जाता है. कोलकाता के यात्रियों को खादगढ़ा के पास से कार में बैठा कर टाटीसिलवे लाकर बस में बैठा दिया जाता है. बस टाटीसिलवे से टाटा अथवा मुरी होते हुए कोलकाता चली जाती है.

एक यात्री लाने पर दलाल को मिलते हैं 200 रुपये

धुर्वा बस स्टैंड, खादगढ़ा, आइटीआइ बस स्टैंड तथा रातू रोड बस स्टैंड के पास दलाल खड़े रहते हैं. वे यात्रियों से गंतव्य की जानकारी लेकर उनसे तय भाड़ा से दो से तीन गुना भाड़ा ले लेते हैं. उसके बाद कार या बोलेेरो में बैठाकर उन्हें बस तक पहुंचाते हैं.

एक यात्री लाने पर दलाल को 200 रुपये मिलते हैं. धुर्वा बस स्टैंड से चलनेवाली लगभग 15 बसें डैम साइड में लगी रहती हैं. शाम हाेते ही सभी बसें सिमलिया रिंग रोड में पहुंचती हैं और यात्रियों को बैठा कर निकल जाती हैं.

बसों से 8़ 94 लाख रुपये सितंबर में हुई वसूली

राजधानी से बिहार, यूपी, काेलकाता जानेवाली बसाें के परमिट नहीं रहने पर डीटीओ ने कार्रवाई की थी. इस दौरान बिना परमिट के 35 बस पकड़े गये थे. उनसे 8़ 94 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया था.

इंटर स्टेट बस संचालन. कोरोना से बचाव के नाम पर लगी है रोक और ठगे जा रहे हैं यात्री, बस संचालक कानून को दिखा रहे ठेंगा

खुलेआम टिकट बेच रहे हैं एजेंट :

रातू रोड दुर्गा मंदिर के पास कृष्णा रथ, न्यू मार्केट के पास पूजा रथ, चंद्रलोक, संतोष, भोले शंकर, कैमूर किंग, महारानी आदि बसों के एजेंट काउंटर पर बैठे हुए कभी भी देखे जा सकते हैं. यहां लोग आराम से टिकट कटाते हैं और फिर रात में बसों पर सवार होकर रवाना होते हैं.)

स्थान सही भाड़ा जो लिया जा रहा

पटना 350 800/1200

छपरा 450 1000/1500

दरभंगा 500 1000/1200

मुजफ्फरपुर 500 1000/1200

समस्तीपुर 450 900/1000

गया 300 600/800

बक्सर 400 900/1100

सासाराम 300 700/1000

पूर्णिया 500 1100/1400

कोलकाता 400 800/1000

सुरक्षा से खिलवाड़ और आर्थिक दोहन भी

हाल ही में राजेश कुमार सिंह ने अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ आरा तक का सफर तय किया. उन्होंने बताया कि बस जिस दिन आती है, उसी दिन टिकट काटा जाता है. हमने 4800 रुपये देकर टिकट बुक कराया. बस शाम छह बजे धुर्वा बस स्टैंड से खुलनी थी.

हमें आधा घंटा पहले बुलाया गया था. बस में यात्रियों के बीच सोशल डिस्टैंसिंग नहीं दिखी. बिना थर्मल स्कैनिंग के ही यात्री बस में घुसे. उसी दौरान कंडक्टर ने यात्रियों से मजाकिया लहजे में पूछा : किसी को कोरोना तो नहीं है? इसके बाद सभी यात्रियों को एहतियातन मास्क लगाने को कहा गया. हमलोग पहले से ही मास्क लगाये हुए थे. यात्रा के दौरान किसी भी यात्री से उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर नहीं पूछा गया.

हमलोग सरकार से दूसरे राज्यों के लिए कई बार बसें चलाने की मांग कर चुके हैं. सरकार को बिहार चुनाव और छठ पर्व को देखते हुए कोरोना संबंधी गाइड लाइन का पालन करते हुए बसें चलाने की इजाजत देनी चाहिए. इससे झारखंड से बाहर जानेवाले लोगों को परेशानी नहीं होगी.

कृष्ण मोहन सिंह, अध्यक्ष, जिला बस ओनर एसोसिएशन

posted by : sameer oraon

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