17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सतर्कता और सक्रियता

यदि हम सावधानी से निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो संक्रमण भी बढ़ेगा और अब तक की तमाम कामयाब कोशिशों पर भी पानी फिर जायेगा.

यह त्यौहारों का मौसम है और देश के अनेक हिस्सों में चुनाव भी हो रहे हैं. कुछ महीनों से कामकाज और कारोबारी गतिविधियों में भी तेजी आयी है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव में चूक व लापरवाही की आशंकाएं बढ़ गयी हैं. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में चेतावनी दी है कि लॉकडाउन का दौर भले ही खत्म हो गया है, लेकिन कोरोना महामारी का वायरस अभी भी हमारे आसपास मौजूद है. हमारी लापरवाही अपने परिजनों और परिचितों के लिए खतरनाक हो सकती है.

इस खतरे को टालने के लिए मास्क लगाने, हाथ धोने, शारीरिक दूरी रखने जैसे उपायों पर अमल जारी रखना जरूरी है. शासन-प्रशासन और चिकित्सकों की लगातार कोशिशों की वजह से हमारे देश में अनेक देशों की तुलना में संक्रमण तथा इस कारण होनेवाली मौतों की दर कम रही है. यह इसलिए भी उल्लेखनीय है कि कई विकसित देश भी इस चुनौती के सामने लाचार नजर आये हैं.

यह संतोषजनक समाचार है कि कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित पांच राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में संक्रमण के सक्रिय मामलों में गिरावट के रुझान हैं. पिछले कुछ दिनों से फिलहाल संक्रमितों की संख्या आठ लाख से नीचे बनी हुई है. सोमवार को 55,722 नये मामले सामने आये थे, जो उससे पहले के पांच दिनों में सबसे कम हैं. बीते दो दिनों में मृतकों की संख्या भी कई महीनों में सबसे कम रही है. अभी देश में लगभग पौने आठ लाख संक्रमित हैं, जबकि मृतकों की कुल संख्या 1.15 लाख के आसपास है.

लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी लोग संक्रमित हो रहे हैं और कोविड-19 वायरस जानलेवा साबित हो रहा है. यदि हम सावधानी से निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो संक्रमण भी बढ़ेगा और अब तक की तमाम कामयाब कोशिशों पर भी पानी फिर जायेगा. विशेषज्ञों ने पहले ही त्यौहारों की भीड़भाड़ तथा जाड़े में वायरस की गति को लेकर आशंकाएं जता दी हैं तथा देश को आगाह कर दिया है. यह हम सभी का प्राथमिक दायित्व है कि हम प्रधानमंत्री और जानकारों की चेतावनी के अनुसार व्यवहार करें. सरकार देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीके के विकास और उसकी उपलब्धता के लिए निरंतर प्रयासरत है.

इस क्रम में विभिन्न देशों में हो रहे शोध व अनुसंधान के साथ हमारे देश के संबद्ध विभाग व संस्थान संपर्क में हैं. अनेक टीकों के शोध एवं परीक्षण के लिए सरकार ने अनुमति दी है. ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि अगले साल फरवरी तक इस मामले में बहुत प्रगति हो चुकी होगी तथा टीका उपलब्ध हो जायेगा. जानकारों की मानें, तो फरवरी तक संक्रमण पर भी काबू पाया जा सकेगा. परंतु यह सब कोशिशें तभी कारगर होंगी, जब हम सावधान व सतर्क रहेंगे. अत: हमें प्रधानमंत्री के इस मंत्र को आत्मसात करना चाहिए कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.

Posted by: pritish sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें