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हैदराबाद पानी-पानी, कर्नाटक में भी जलप्रलय, मौसम विभाग ने 21 अक्टूबर तक बारिश की चेतावनी दी

हैदराबाद के कुछ हिस्सों में फिर बाढ़ जैसे हालात बन गए जबकि कृष्णा और भीमा नदियों के उफान पर होने की वजह से कर्नाटक के चार जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. हाल में करीब एक शताब्दी में हुई सबसे भीषण बारिश के बाद बाढ़ का सामना करने वाले हैदराबाद में बीती रात फिर मूसलाधार बारिश हुई.

नयी दिल्ली : बीती रात हुई बारिश के बाद रविवार को हैदराबाद के कुछ हिस्सों में फिर बाढ़ जैसे हालात बन गए जबकि कृष्णा और भीमा नदियों के उफान पर होने की वजह से कर्नाटक के चार जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. हाल में करीब एक शताब्दी में हुई सबसे भीषण बारिश के बाद बाढ़ का सामना करने वाले हैदराबाद में बीती रात फिर मूसलाधार बारिश हुई.पुलिस और निकाय अधिकारियों ने यह जानकारी दी.उन्होंने कहा कि शनिवार शाम से हो रही बारिश की वजह से झीलें और अन्य जल केंद्र पानी अधिक भर जाने के कारण उफनाने लगे जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया.

इनमें शहर और शहर के बाहर के वो इलाके भी शामिल हैं जो पिछले हफ्ते आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे.आपदा प्रतिक्रिया बल कर्मी, ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन के कर्मचारी और पुलिसकर्मी शनिवार रात को ही हरकत में आ गए थे और बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया.पिछले हफ्ते की भयावह तस्वीरों जैसा मंजर फिर नजर आने लगा.बारिश का पानी कई अपार्टमेंट के बेसमेंट में भर गया और कुछ इलाकों में लोग घुटनों तक भरे पानी में चलते देखे गए.

पानी भरी सड़कों पर कुछ ऑटोरिक्शा के बह जाने का एक वीडियो भी सामने आया.नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि हैदराबाद के मंगलहाट इलाके में आज तड़के बारिश की वजह से एक दीवार गिरने से पांच वर्षीय लड़की की दबकर मौत हो गई.मौसम विभाग ने 21 अक्टूबर तक तेलंगाना के इलाकों में और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.भारी बारिश की वजह से पिछले हफ्ते राज्य में 50 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग घटनाओं में मौत हो गई थी.

राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते मंगलवार को हुई भीषण बारिश की वजह से करीब 5000 करोड़ रुपये के नुकसान का शुरुआती आकलन व्यक्त किया है.राज्य में 1916 के बाद से इतनी बारिश नहीं हुई थी.शनिवार रात से हालांकि हैदराबाद और पड़ोसी जिलों के कुछ इलाकों में फिर से मूसलाधार बारिश होने लगी और पड़ोसी रंगारेड्डी जिले के सरूरनगर में सबसे ज्यादा 16.9 सेंटीमीटर बारिश हुई.वहीं कृष्णा और भीमा नदियों के उफान पर होने की वजह से कर्नाटक के चार जिलों में भी बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं.अधिकारियों ने कहा कि सेना, राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मी राहत कार्य में लगे हुए हैं और बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को निकाल रहे हैं.

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि कलबुर्गी, विजयपुरा, यादगीर और रायचूर जिले पूरे या आंशिक रूप से पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से प्रभावित हैं.उन्होंने कहा कि वह 21 अक्टूबर को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.कर्नाटक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केडीएमए) के मुताबिक, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा स्थानीय पुलिस व प्रशासन की मदद से अब तक कुल 20,269 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जिनमें से अकेले कलबुर्गी जिले से ही 15,078 लोग शामिल हैं.केडीएमए के आयुक्त मनोज राजन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में कहीं भी इंसानी जान का नुकसान नहीं हुआ है हालांकि विजयपुरा में दो मवेशियों की मौत हो गई.

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भारी बारिश, बाढ़ और पड़ोसी महाराष्ट्र के बांधों द्वारा छोड़े गए पानी की वजह से चार जिलों के 111 गांव प्रभावित हुए हैं.बाढ़ग्रस्त लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को केंद्र की तरफ से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया.भारी मानसूनी बारिश के बाद बीते तीन महीनों में यह तीसरा मौका है जब यह दक्षिणी राज्य बाढ़ से प्रभावित हुआ है.इसबीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि हाल में आई बाढ़ के कारण पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कृषि को ”अभूतपूर्व” नुकसान पहुंचा है.

उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से प्रभावितों की मदद के लिये अनुरोध करेंगे.मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले के तुल्जापुर-परांदा क्षेत्र के किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे आर्थिक सहायता के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा करेंगे और केंद्र से भी सहायता का आग्रह करेंगे.अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र के पुणे, कोंकण और औरंगाबाद संभाग में बारिश और बाढ़ की घटनाओं में 48 लोगों की मौत हो गई जबकि लाखों हेक्टेयर में खड़ी फसलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं.

Posted By : Rajneesh Anand

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