रांची : कैबिनेट ने लॉकडाउन अवधि के लिए व्यावसायिक वाहनों के रोड टैक्स में छूट देने का फैसला किया. इससे राज्य सरकार को 10.12 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. वहीं, कैबिनेट ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 200 करोड़ रुपये की लागत से ‘सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना’ शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूर किया.
गौरतलब है कि लॉकडाउन की अवधि में सरकार ने स्कूल बस, अंतरराज्यीय बस, ऑटो और अन्य छोटे मालवाहक गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा रखी थी. इससे वाहन संचालकों को काफी नुकसान हुआ था. वाहन मालिकों को राहत देने के उद्देश्य से कैबिनेट ने लॉकडाउन की अवधि में बंद वाहनों को उसी अवधि तक के लिए रोड टैक्स में छूट देने का फैसला किया है. सरकार द्वारा किये गये आकलन के अनुसार, ऐसे वाहनों को छूट के तौर पर कुल 10.12 करोड़ रुपये का लाभ होगा.
साल में दो बार मिलेगी धोती-साड़ी : कैबिनेट ने ‘सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना’ को मंजूरी दी. इसके तहत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में शामिल सभी परिवारों को साल में दो बार धोती-साड़ी या धोती के बदले लुंगी 10 रुपये की दर पर दी जायेगी. हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इस योजना का लाभ 57.1 लाख लोगों को केवल एक बार ही मिल सकेगा.
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान योजना पर 200 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. धोती-साड़ी का वितरण पीडीएस डीलरों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कैंप लगा कर किया जायेगा. योजना की मॉनिटरिंग के लिए राज्य, जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर समितियों का गठन किया गया है.
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200 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जायेगी सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना
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योजना की मॉनिटरिंग के लिए राज्य, जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर पर समितियां गठित
ये फैसले भी हुए
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जेपीएससी, एसएससी व अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 40 प्रतिशत निर्धारित करने पर घटनोत्तर स्वीकृति.
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कोविड की वजह से पॉलिटेक्निक के छात्रों की इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष में बिना परीक्षा के नामांकन की स्वीकृति.
एक जनवरी से सस्ती दर पर अनाज : कैबिनेट ने झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 15 लाख लोगों को एक जनवरी 2021 से सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराने का फैसला किया. इस योजना को पहले 15 नवंबर 2020 से शुरू की जानी थी. मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण के लिए एचइसी से मिली जमीन में से 306 एकड़ भूमि आवास बोर्ड को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया.
स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 647.08 एकड़ जमीन स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन को देने का फैसला किया गया. राज्य सरकार ने इस जमीन के बदले 711.79 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. स्मार्ट सिटी मिशन कॉरपोरेशन द्वारा स्मार्ट सिटी विकसित करने के बाद उससे मिली राशि राज्य सरकार को वापस कर दी जायेगी.
Posted by: Pritish Sahay