रांची : झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ का सांकेतिक बंद का असर पूरे राज्य में देखा गया. राज्य भर के शराब कारोबारियों ने बंद को अपना समर्थन दिया. बंद का सर्वाधिक असर राजधानी रांची में देखने को मिला. राजधानी में सभी 105 लाइसेंसी शराब दुकानें बंद रहीं. शाम छह बजे के बाद लोआडीह में एक दुकान के खुलने की सूचना मिली, जिसके बाद उसे भी बंद करा दिया गया.
अनुमान लगाया जा रहा है कि शराब दुकानों के बंद रहने के कारण करीब 50 करोड़ रुपये की राजस्व की हानि हुई है. इस बीच संघ के महासचिव निशांत कुमार सिंह के नेतृत्व में शराब कारोबारियों का एक प्रतिनिधमंडल उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे से मिला. सचिव ने उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना और इस मामले में नीतिगत फैसलों पर जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया.
शराब विक्रेता शराब की बिक्री में उत्पाद विभाग और विभागीय मंत्री से स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और विलंब शुल्क में वृद्धि को घटाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में शराब की कीमतों में वृद्धि हुई है.
शराब की कम बिक्री से दुकानदारों पर इसका काफी प्रभाव पड़ा है. सिर्फ रांची के व्यवसायियों को सितंबर के महीने में समय पर शराब न उठा पाने के चलते एक करोड़ का नुकसान हुआ है.
posted by : sameer oraon