15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘भारत के आर्थिक सुधारों को नहीं रोक सकी कोरोना महामारी, छिड़ी है कांटे की जंग’

भारत के आर्थिक सुधार और कोरोना महामारी के बीच कांटे की जंग जारी है. एक ओर सरकार को कोरोना संक्रमण को कम करने और इस महामारी से निपटने के लिए उपाय करने हैं, वहीं पहले से जारी आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाना है. ऐसी संकट की घड़ी में कोरोना महामारी भारत के आर्थिक सुधारों को नहीं रोक सकी. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की ओर से आर्थिक सुधारों को लेकर उठाए गए कदम से भारत के लोगों के साथ-साथ अमेरिका के लाखों कारोबारियों को इससे फायदा हो सकता है. ये बात अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कही है.

वाशिंगटन : भारत के आर्थिक सुधार और कोरोना महामारी के बीच कांटे की जंग जारी है. एक ओर सरकार को कोरोना संक्रमण को कम करने और इस महामारी से निपटने के लिए उपाय करने हैं, वहीं पहले से जारी आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाना है. ऐसी संकट की घड़ी में कोरोना महामारी भारत के आर्थिक सुधारों को नहीं रोक सकी. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की ओर से आर्थिक सुधारों को लेकर उठाए गए कदम से भारत के लोगों के साथ-साथ अमेरिका के लाखों कारोबारियों को इससे फायदा हो सकता है. ये बात अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कही है.

राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भारत को साहसिक आर्थिक सुधार करने से नहीं रोक सकी है और अमेरिकी कारोबारियों को देश के श्रम, अंतरिक्ष और कृषि क्षेत्रों में हुए इन सुधारों का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित भारत-वर्जीनिया बिजनेस राउंडटेबल में कहा कि भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए कुछ क्षेत्रों को छोड़कर प्रत्येक क्षेत्र को खोल दिया है.

संधू ने कहा कि महामारी भारत को कुछ साहसिक आर्थिक सुधार करने से नहीं रोक सकी है. कुछ को छोड़कर लगभग हर क्षेत्र को स्वचालित मार्ग के तहत 51 फीसदी से ऊपर की सीमा के साथ एफडीआई के लिए खोला गया है. संधू ने इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारत में किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण सुधारों का जिक्र भी किया.

उन्होंने कहा कि हमने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ ही श्रम, अंतरिक्ष और कृषि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं. हमारा उद्देश्य इन खास और लोगों को ध्यान में रखकर किए गए सुधारों के जरिए निवेश, विकास और रोजगार के चक्र को तैयार करना है. इस गोलमेज सम्मेलन में वर्जीनिया के गवर्नर राल्फ नॉर्थम ने भी भाग लिया.

संधू ने कहा कि महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, वैक्सीन विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे से सीख रहे हैं और विचारों तथा सूचनाओं की साझेदारी हमारी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि खासतौर से वर्जीनिया में 14 भारतीय कंपनियों ने लगभग आठ करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.

Also Read: ई-कॉमर्स सेक्टर में धमाकेदार एंट्री मारने की तैयारी में TATA, इन दो कंपनियों की खरीद सकता है हिस्सेदारी

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें