पटना : चुनाव के दौरान कोई भी पार्टी अपने प्रचार की शुरुआत चुनावी नारों से ही करती है. चुनावी नारे के पीछे एक खास मकसद छुपा होता है. नारा एक ऐसा सूत्र वाक्य है, जो एक लाइन में सीधे मतदाताओं के जेहन में उतर जाने के लिए बनाया जाता है. इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में भी लगभग सभी पार्टियों के नारे चुनावी फिजा में तैरने शुरू हो गये हैं. मगर, इस बार अधिकांश पार्टी ने एक ऐसा नारा तैयार नहीं किया है कि जिसके सहारे पूरे चुनावी समर को काट दिया जाये. तभी तो पटना के वीरचंद पटेल पथ पर स्थित अधिकांश राजनीतिक पार्टियों के दफ्तर के बाहर लगे बड़े-बड़े प्रचार के होर्डिंग कर 15-20 दिनों पर बदल जाते हैं. उनके साथ लगा चुनावी नारा भी बदलते रहता है. अनिकेत त्रिवेदी की रिपोर्ट
बिहार भाजपा ने अपने चुनावी रण की शुरुआत प्रधानमंत्री की ओर से दिये आत्मनिर्भर शब्द के साथ किया. चुनाव में नारा दिया गया कि ‘भाजपा है तैयार, आत्मनिर्भर बिहार’ इसकी बड़ी होर्डिंग भी लगायी गयी. मगर, अब रुक-रुक कर नारा कुछ-कुछ संशोधित हो रहा है. फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम व पीएम मोदी के संवाद कार्यक्रम में दौरान भाजपा कार्यालय के बाहर बड़ी होर्डिंग लगी है. अब नारा ‘जन-जन की पुकार, आत्मनिर्भर बिहार’ हाे गया है.
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से प्रचार में केवल प्रमुख रूप से तेजस्वी यादव की तस्वीर लग रही है. तस्वीर के साथ हर सप्ताह नारे में तबदीली हो जाती है. तेज रफ्तार तेजस्वी सरकार से शुरू होने वाला राजद के नारों का सफर लगातार बदल रहा है. फिलहाल कुछ दिन पहले ही ‘हम ठेठ बिहारी है, जो वादा किया उसे पूरा करेंगे’ का नारा तेजस्वी यादव ने दिया था. इसके अलावा ‘आप और हम बिहार सक्षम’, ‘बिहार का उत्थान हो, हर चेहरे पर मुस्कान हो’, ‘प्रथम प्रतिज्ञा सुखी समृद्ध सर्वोत्तम बिहार’ जैसे कई नारे चल रहे है. फिलहाल राजद के कार्यालय के पास बड़ी होर्डिंग ‘नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार’ का पोस्टर लगा हुआ है. वहीं बीते दिन तेजस्वी भव: का नारा दिया गया है.
पिछले चुनाव में जदयू की ओर से एक सुपरहिट नारा ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार हैं’ का नारा दिया गया था. जिसके भरोसे जदयू ने पूरी चुनावी जंग लड़ी थी. लेकिन, इस बार जदयू की ओर से कई नारे लगातार बदल दिये जा रहे है. ‘ठीके तो हैं नीतीश कुमार’ से शुरू हुआ नारा अब कई मोड़ लेकर आगे बढ़ गया है. फिलहाल जदयू कार्यालय के बाहर तीन बड़े होर्डिंगों पर अलग-अलग नारा लिखा हुआ है.
पहले पोस्टर में ‘तरक्की दिखती है’. दूसरे पोस्टर में ‘नीतीश सबके हैं’ और तीसरे पोस्टर में ‘परखा है जिनको, चुनेंगे उसी को’ का नारा दिया गया है. हालांकि, इस बार की गारंटी नहीं है कि आगे की लड़ाई इन्हीं नारों के सहारे लड़ी जायेगी. चुनाव के हर फेज के साथ नारा बदल भी सकता है.
लोजपा की ओर से एक ही नारा आगे किया गया है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नाम से यात्रा शुरू की थी. अब लोजपा का नारा भी यहीं है. वहीं कांग्रेस की ओर से ‘बिहार बदलो-सरकार बदलो’ के स्लोगन से काम चलाया जा रहा है. जाप के पप्पू यादव भी जन अधिकार से बदलेगा बिहार का नारा दे चुके हैं. माले की ओर से एनडीए को हराना है.नया बिहार बनाना है का नारा दिया गया है.
बिहार से ही आपातकाल के दौरान संपूर्ण क्रांति का नारा दिया गया था. आपातकाल के बाद देश भर में जनता पार्टी की लहर आयी तो इसी लहर में रामविलास पासवान भी बाजी मार ले गये थे. उस समय पटना के गांधी मैदान में लालू यादव ने गरीब रैली आयोजित की थी. लालू मंच पर भाषण दे रहे थे. इतने में रामविलास पासवान का हेलीकॉप्टर घड़घड़ाया. तब लालू ने कहा था ऊपर आसमान, नीचे पासवान.
जो बाद में आगे चल कर ‘गूंजे धरती आसमान, पासवान, पासवान’ नारा बन गया. वहीं कथित रूप से लालू की ओर से दिया गया नारा भूरा बाल साफ करो भी काफी चर्चित रहा था. हालांकि,लालू ने बाद में इसका खंडन किया. इसके अलावा जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू के नारे से तो राज्य की पहचान बन गयी थी. पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है का नारा भी काफी चर्चित रहा था.
Posted by Ashish Jha