मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (nishikant dubey vs CM Hemant soren ) द्वारा दर्ज शिकायतवाद में प्रतिवादी बनाये गये फेसबुक ने शुक्रवार को वकील के माध्यम से रांची सिविल कोर्ट के सब जज 1की अदालत में हाजिरी लगायी. फेसबुक की ओर से हाइकोर्ट के अधिवक्ता मनीष कुमार और रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता पियूष कुमार मिश्रा ने बहस की. मनीष कुमार ने कहा कि फेसबुक पर अगर कोई कुछ पोस्ट करता है, तो इसके लिए फेसबुक को जिम्मेवार न ठहराया जाये.
उन्होंने फेसबुक की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की. वहीं प्रतिवादी निशिकांत दुबे की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने अदालत में पक्ष रखा और तर्क दिया कि पब्लिक डोमेन में जो बातें सार्वजनिक हैं.
सांसद ने वही बातें सोशल साइट पर पोस्ट की और सांसद द्वारा मुख्यमंत्री को टारगेट नहीं किया गया है.ऐसे में सांसद पर कोई आरोप नहीं बनता है. दोनों अधिवक्ताओं की बातें सुनने के बाद अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए 13 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. जबकि प्रतिवादी नंबर तीन सोशल साइट में से ट्विटर की ओर से अभी तक पक्ष नहीं रखा गया है.
रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दायर : यहां बता दें कि सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर सीएम ने चार अगस्त को निशिकांत दुबे के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दायर किया है. सीएम हेमंत सोरेन ने सभी प्रतिवादियों पर 100-100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है.
फेसबुक तटस्थ : यदि आपको याद हो तो भाजपा नेताओं के कथित घृणा फैलाने वाले भाषणों से निपटने के तरीके पर फेसबुक इंडिया की ओर से कहा गया था कि उनका प्लेटफार्म तटस्थ है. यही नहीं कंपनी ने कहा कि वो बिना किसी पक्षपात के काम करता है.
फेसबुक इंडिया के प्रमुख ने कहा : फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन ने कहा था कि हमारे प्लेटफार्म को इस तरीके से तैयार करने का काम किया गया है कि कोई भी व्यक्ति इसमें छेडछाड नहीं कर सके या अकेले दम पर कोई फैसला नहीं ले सके… हेट स्पीच को लेकर टीम की कंटेंट पॉलिसी स्पष्ट है.
Posted By : Amitabh Kumar