रांची : भीमा कोरेगांव केस (Bhima Koregaon case) में रांची से गिरफ्तार किये गये फादर स्टेन स्वामी मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सवालिया लहजे में ट्वीट कर पूछा है कि गरीब, वंचितों और आदिवासियों की आवाज उठानेवाले 83 वर्षीय वृद्ध स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर केंद्र की भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती है ? अपने विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद्द ? आपको बता दें कि 8 अक्टूबर को रांची से अरेस्ट कर एनआईए की टीम उन्हें मुंबई ले गयी है, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि आदिवासियों की आवाज उठाने वाले 83 वर्षीय वृद्ध स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर केंद्र सरकार क्या संदेश देना चाहती है ? विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद है ?
गरिब, वंचितों और आदिवासियों की आवाज़ उठाने वाले 83 वर्षीय वृद्ध 'स्टेन स्वामी' को गिरफ्तार कर केंद्र की भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती है?
अपने विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद्द?
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 9, 2020
आपको बता दें कि दिल्ली से आयी एनआइए की टीम ने फादर स्टेन स्वामी को रांची से गिरफ्तार किया था. स्वामी की गिरफ्तारी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के बगईचा स्थित घर से 8 अक्टूबर शाम में की गयी थी. करीब 20 मिनट तक एनआइए की टीम स्वामी के घर में रही. फिर उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी थी. मुंबई की अदालत में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में एनआईए ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.
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जानकारी के अनुसार, एक जनवरी 2018 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक पार्टी के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हुई हिंसा मामले में एनआइए ने फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया है. मूल रूप से केरल के रहनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी करीब पांच दशक से झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra