Navratri 2020: नवरात्र 2020 की शुरुआत होने वाली है. हिंदू धर्म में इन नौ दिनों का बहुत अधिक महत्व माना गया है. नवरात्र के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं. हर एक दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा की जाती है. नवरात्र के तीसरे दिन यानी तृतीया को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और भोग लगाया जाता है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए आप सबसे पहले सुबह स्नान करें और फिर सूर्य देवता को अर्घ्य देने के बाद अपने व्रत की शुरुआत की जाती है. आइए जानते है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने की विधि…
नवरात्रि में नौ दिन तक मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. वहीं, नवरात्र में तीसरे दिन की पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन मां के विग्रह का पूजन और अराधना की जाती है. इस दिन मां चंद्रघंटा के घंटे की ध्वनि से अत्याचारी, दानव, दैत्य और राक्षस कांपते हैं. धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों में वीरता और निर्भीकता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है.
मां के मस्तक पर घंटे के आधा चंद्रमा शोभायमान है, इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरूप को चंद्रघंटा कहा गया है. देवी का यह स्वरूप कल्याणकारी है. मां की 10 भुजाएं हैं. वह खड़ग और खपरधारी हैं. इनके शरीर का रंग सोने जैसा चमकता है. मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला है.
इस मंत्र का करें जाप
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
मां चंद्रघंटा की पूजा में भक्तों की पीत वस्त्र धारण करने चाहिए. मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत ही प्रिय है, इसलिए आप सुनहरे रंग के स्वच्छ वस्त्र पहनकर भी पूजा कर सकते हैं. मां को आपको सफेद चीजों का भोग लगाना चाहिए. इनमें खीर या फिर सफेद बर्फी ले सकते हैं. आप मां को शहद का भोग लगा सकते हैं.
News Posted by: Radheshyam kushwaha