पटना. दूसरे चरण की 94 सीटों में से 46 पर भाजपा के उम्मीदवार होंगे. वहीं, सहयोगी दल वीआइपी पांच सीटों पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है. इस तरह भाजपा और वीआइपी मिलकर 94 सीटों में 51 पर चुनाव लड़ रही हैं.
यानी दूसरे चरण की 55% से ज्यादा सीटों पर भाजपा और वीआइपी ही चुनाव लड़ रही हैं. एनडीए में भाजपा को 121 सीटें मिली हैं. इनमें भाजपा ने 11 सीटें वीआइपी को दी हैं. इस तरह भाजपा कुल 110 सीटों पर ही सीधे तौर पर चुनाव लड़ रही है. इनमें पहले चरण में 29, दूसरे में 46 और तीसरे चरण में 35 सीटें हैं.
इसी तरह वीआइपी की पहले चरण में एक, दूसरे में पांच और तीसरे में पांच सीटें हैं. भाजपा की सबसे ज्यादा 46 सीटें दूसरे चरण में होने की वजह से पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस इस पर है. पार्टी के आला नेता उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने की अंतिम कसरत में जुटे हैं. इसकी सूची तैयार हो गयी है.
जल्द ही केंद्रीय चुनाव समिति की अंतिम बैठक में इस पर मुहर लगने जा रही है. इसके बाद इसे दो-तीन दिनों में जारी कर दिया जायेगा. दूसरे और तीसरे चरण के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा एक साथ होने की संभावना है. बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव यहां इन बातों को लेकर लगातार मंथन करने में जुटे हुए हैं.
इस बार हर उम्मीदवार को हर तरह से जांच-परख करने के अलावा ग्राउंड स्तरीय कार्यकर्ताओं से प्राप्त फीडबैक के आधार पर ही टिकट दिया जायेगा. पहले चरण की 29 सीटों में टिकट बंटवारे में कुछ समीकरण सही नहीं बैठने की वजह से लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहने वाले आधा दर्जन नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए दूसरे दलों से चुनावी मैदान में कूद गये हैं.
इस बार के टिकट बंटवारे में इस बात का खासतौर से ख्याल रखा जा रहा है कि टिकट बंटवारे में नाराज लोगों की संख्या काफी कम हो और कोई पार्टी छोड़कर नहीं जाये.
Posted by Ashish Jha