झुमरीतिलैया : तिलैया थाना क्षेत्र के रांची-पटना मुख्य मार्ग में संचालित पार्वती क्लिनिक में प्रसव के बाद गुरुवार दोपहर को एक महिला की मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने यहां जमकर बवाल काटा. पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल में जमकर तोड़फोड हुई. लोगों ने कुछ देर के लिए रांची-पटना मुख्य मार्ग को भी जाम कर दिया.
जानकारी के अनुसार हजारीबाग जिले के बाराडीह चलकुशा निवासी 22 वर्षीय रानी देवी को गुरुवार की सुबह सात बजे परिजनों ने प्रसव के लिए क्लिनिक में भर्ती कराया था. सिजेरियन से उक्त महिला को जुड़ुवा बच्चा हुआ, जबकि ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई. मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की.
घटना की जानकारी मिलने के बाद तिलैया थाना के पुलिस जवान मौके पर पहुंचे व मामला शांत कराया. इसी बीच धीरे-धीरे मृत महिला के परिजनों का जमावड़ा क्लिनिक के समीप लगने लगा और देखते ही देखते पुलिस की मौजूदगी में एक बार फिर भीड़ बेकाकू हो गई. भीड़ ने अस्पताल परिसर में घुसकर तोड़फोड़ शुरू कर दी और इसी दौरान रांची पटना मुख्य मार्ग को भी करीब आधा घंटे से अधिक समय तक के लिए जाम कर दिया.
मामला बढ़ता देख एसडीपीओ राजेन्द्र प्रसाद मौके पर पहुंचे व परिजनों को समझते हुए किसी तरह सड़क जाम हटवाया. समाचार लिखे जाने तक परिजनों का विरोध जारी था और पुलिस मामले को शांत करने का प्रयास कर रही थी. परिजन जुड़वा बच्चों के नाम पर तीस लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे थे अन्यथा अस्पताल के पास ही शव जलाने की चेतावनी दे रहे थे.
मामले को लेकर मृतका के पति रामदेव यादव ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह सात बजे उसने अपनी पत्नी रीना देवी को अस्पताल में भर्ती कराया था. तब रीना पूरी तरह स्वस्थ थी. 11 बजे उसे ऑपरेशन से जुड़वां बच्चे होने की जानकारी नर्स के द्वारा दी गई. इस दौरान नर्स ने बताया कि मां व दोनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं.
महिला को ब्लड की कमी है. आपलोग ब्लड की व्यवस्था कीजिए. रामदेव ने बताया कि इसके बाद वे लोग ब्लड लेने सदर अस्पताल चले गए. इससे पहले वे लगातार अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने की बात करते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें पत्नी और बच्चों से मिलने नहीं दिया. करीब ढाई घंटे के बाद जब वे ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनकी पत्नी नहीं रही. उन्होंने अस्पताल प्रबंधक पर लापरवाही और गलत तरीके से ऑपरेशन करने का आरोप लगाया.
परिजन जब महिला को अस्पताल लेकर आए थे तो उसकी स्थिति काफी गंभीर थी. गंभीरता को देखते हुए महिला का इलाज किया गया, पर महिला एक्लेमसिया से ग्रसित थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. महिला के इलाज में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.
———डा. हरिदर्शन सिंह, अस्पताल प्रबंधक
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