झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने कोरोना महामारी में निजी स्कूलों की फीस को लेकर राज्य सरकार के आदेश को चुनाैती देनेवाली यचिका पर सुनवाई की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से स्पष्ट जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
अदालत ने सरकार से पूछा कि कॉन्ट्रडिक्टरी आदेश क्यों जारी किया गया? सरकार चाहे, तो 29 जून 2020 के आदेश के कुछ भाग (कंडिका तीन) को संशोधित कर सकती है. अदालत ने सरकार को जवाब दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 24 नवंबर की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता सह पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि सरकार की अधिसूचना सही नहीं है. वह अपने आप में कॉन्ट्रडिक्टरी है. सरकार के आदेश के कारण सैकड़ों स्कूलों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है.
रही है. शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमित वेतन देना कठिन हो गया है. स्कूल बंद होने के कगार पर हैं. उन्होंने सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने का आग्रह किया. ज्ञात हो कि प्रार्थी झारखंड अन एडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की अोर से अध्यक्ष अभय कुमार मिश्र ने याचिका दायर की है. उन्होंने सरकार के आदेश को चुनाैती दी है.
posted by : sameer oraon