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Coronavirus हवा में एक घंटे और दो मीटर से ज्यादा दूरी तक फैल सकता है, US हेल्थ एजेंसी का दावा

Coronavirus In Air, Timing, Distance, Latest Research, Health News : आखिरकार, शोधकर्ताओं ने यह मान लिया कि कोरोना वायरस हवा (Coronavirus Transmission Through Air) में भी फैल रहा है. दरअसल, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US Centers for Disease Control and Prevention) ने सोमवार को खुलासा किया है कि कोविड-19 वायेरस हवा में करीब एक घंटे के लिए रह सकता है. शोध में इसके संकेत मिले है.

Coronavirus In Air, Timing, Distance, Latest Research, Health News : आखिरकार, शोधकर्ताओं ने यह मान लिया कि कोरोना वायरस हवा (Coronavirus Transmission Through Air) में भी फैल रहा है. दरअसल, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US Centers for Disease Control and Prevention) ने सोमवार को खुलासा किया है कि कोविड-19 वायेरस हवा में करीब एक घंटे के लिए रह सकता है. शोध में इसके संकेत मिले है.

आपको बता दें कि कोरोना के शुरूआती दौर में ही इस पर चर्चाएं खुब हुई थी. कई वैज्ञानिकों ने इसे लेकर कयास भी लगाये थी कोरोना का संक्रमण हवा में भी फैल रहा है. लेकिन, यूएस की प्रसिद्ध डिजीज कंट्रोल एजेंसी ‘सीडीसी’ (CDC) ने इसे लेकर अब दावा किया है कि और चेतावनी दी है. ऐसे में यह बहस एक बार फिर छिड़ने वाली है.

दावा! हवा के जरिए वायरस का हो रहा ट्रांसमिशन

इस रिपोर्ट को मंडे गाइडेंस ने पब्लिश किया है. छपी रिपोर्ट की मानें तो सीडीसी ने कहा कि हमारे पास सबूत है कि कोरोना संक्रमण ऐसे लोगों से ऐसे लोगों तक ट्रांसमीट हुआ है जो आपस में 6 फीट से ज्यादा की दूरी मेंटेन किए हुए थे.

सीडीसी ने कहा है कि इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि कोरोना से संक्रमित लोगों द्वारा उत्पन्न छोटी संक्रामक बूंदें या एरोसोल की मात्रा वायरस को फैलाने की पूरी क्षमता रखती है.

धुएं की तरह हवा में फैल सकता है वायरस

सीडीसी ने चेतावनी देते हुए बताया है कि ये बेहद छोटी बूंदें हवा के माध्यम फैल सकती हैं. इन एरोसोल बूंदों को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है. यह धुएं की तरह हवा में काफी समय तक मौजूद रहती हैं.

एयरोसोल्स बूंदों बढ़ते कोरोना संक्रमण का मुख्य कारण

हालांकि, सीडीसी ने यह भी बताया है कि हवा के माध्यम से ट्रांसमिशन का खतरा डायरेक्ट संपर्क में आने से कम होता है. लेकिन, अमेरिकी वैज्ञानिकों के हवाले से मेडिकल जर्नल साइंस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है. जिसके अनुसार वैज्ञानिकों ने हवा में मौजूद एयरोसोल्स बूंदों को लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का मुख्य कारण बताया है.

एक घंटे और दो मीटर से ज्यादा दूरी तक रह सकता है वायरस

शोधकर्ताओं की मानें तो एयरोसोल्स बूंदें हवा में सेकंड भर से लेकर घंटों तक मौजूद रह सकती है. साथ ही साथ इसके दो मीटर से अधिक दूरी तक फैलने की प्रबल संभावना है. यही नहीं खराब मौसम में एक रूम में वातावरण में जमा भी हो सकती हैं. यही कारण है इस वायरस के लगाता सुपरस्प्रेडिंग का.

संक्रमित व्यक्ति हजारों वायरस से भरे एरोसोल बूंदों को करता है रिलीज

उन्होंने बताया कि एक संक्रमित व्यक्ति हजारों वायरस से भरे एरोसोल बूंदों को हवा में छोड़ता है. यह बूंदें संबंधित व्यक्ति के सांस लेते या बोलते समय भी कम मात्रा में निकल सकती हैं. ऐसे में जरूरत है हर व्यक्ति को पर्याप्त दूरी बनाकर रखने की. फिलहाल दुनियाभर में अनलॉक किया जा रहा है. ऐसे में इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. मास्क को नियमित रूप से पहनें.

Posted By : Sumit Kumar Verma

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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