कोलकाता : टीटागढ़ में भाजपा के पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की हत्या को लेकर बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी के निर्देश पर ही बैरकपुर पुलिस ने प्लानिंग करके हत्या करवायी है. हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गयी है. इसमें बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट पूरी तरह मिला हुआ है, क्योंकि गोलियां चलानेवाले नासिर और बाटूल जैसे अपराधी को जेल से पुलिस ने ही छुड़ा कर हत्या के लिए नियुक्त किया था और वे लोग कुछ और लोगों का ग्रुप कलेक्शन कर इस वारदात को अंजाम दिये हैं. नहीं तो इतना अत्याधुनिक 9 एमएम कार्बाइन आर्म्स जो बंगाल पुलिस ही इस्तेमाल करती है, वो आखिर अपराधियों के पास कैसे पहुंचा. यह जांच का विषय है. सीबीआइ जांच से ही यह सब पता चल सकता है, लेकिन ममता बनर्जी इसे अंदर ही अंदर सीआइडी को देकर लीपापोती करने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन हमलोग ऐसा होने नहीं देंगे, जरूरत पड़ी तो कोर्ट में भी जायेंगे.
मेरा ढाल था मनीष, बहुत बड़ी क्षति हुई : उन्होंने कहा कि मनीष शुक्ला के जाने से बहुत बड़ी क्षति हुई है. वह मेरा ढाल था. अंत समय तक वह ढाल रहा, लेकिन उसकी मौत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. वह ऐसा था, जो सात-सात दिनों तक लगातार रक्तदान कार्यक्रम आयोजित करता था. वह छात्र राजनीति से ही आया था. हमलोग रविवार को बाउड़िया में एक कार्यक्रम से लौट रहे थे. कोना मोड़ के पहले कैलाश विजयवर्गीय का फोन आया, तो मैं चला गया और वह इधर आ गया था.
मेरी भी हत्या की चल रही है साजिश : उन्होंने कहा कि थाने के सामने हत्या हुई और अब तक आरोपियों की पहचान नहीं हुई. इससे तो पता चलता है कि अक्सर घटना के बाद सीसीटीवी कैमरे खराब मिलते हैं. यह पूरी साजिश है. मनीष के पास आर्म्स लाइसेंस भी था, लेकिन पुलिस ने साजिश के तहत ही रद्द करवाया. वह सुरक्षा में आर्म्स भी नहीं रख पा रहा था. निजी सुरक्षाकर्मियों को भी पुलिस परेशान करती थी. मेरा और मेरे बेटे का भी पुलिस आर्म्स लाइसेंस जब्त करने की कोशिश कर रही है. मेरी भी हत्या की साजिश चल रही है. थाने के सामने 9 एमएम कार्बाइन जैसे हथियार से हत्या, यह पुलिस की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती है. राजेंद्र यादव और राजेंद्र चौधरी ने ममता बनर्जी के निर्देश पर पुलिस के साथ बैठ कर प्लानिंग के तहत हत्या की साजिश रची.
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सात-आठ माह से चल रही थी हत्या की प्लानिंग : श्री सिंह ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सात-आठ महीने से हत्या की प्लानिंग की जा रही थी. पुलिस अक्सर सुरक्षा में तैनात निजी कर्मियों को लाइसेंस व आर्म्स के मामलों में भी परेशान किया करती थी. कई बार थाने बुला कर परेशान करती थी. हर दिन सुरक्षाकर्मी रहते थे, लेकिन उस दिन नहीं थे. यह भी जांच का विषय है कि आखिर क्यों नहीं थे.
सीबीआइ जांच की मांग, चुनाव तक तृणमूल करेगी हिंसा : उन्होंने कहा, हमलोगों ने सीबीआइ जांच की मांग की है. इसके लिए केंद्र को भी सूचित किया गया है. अब तक हमारे 120 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. चुनाव में और भी हत्या की साजिश तृणमूल कांग्रेस कर रही है. हिंसा की चरम स्थिति है. यहां सिर्फ गांजा-हेरोइन की बिक्री हो रही और तृणमूल की फंडिंग उसी से चल रही है.
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एक-एक घटना का हिसाब लेंगे – सायंतन बसु : भाजपा नेता हत्याकांड में प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि सत्ता में आने के बाद सभी राजनीतिक हत्याओं का हिसाब होगा खासकर बैरकपुर के सीपी मनोज वर्मा के खिलाफ जांच करायी करायी जायेगी. उन्होंने मनीष शुक्ला की हत्या के लिए सीधे तौर बैरकपुर सीपी को दोषी बताया. श्री बसु यहां बारासात के नापाड़ा इलाके में चाय पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि यहां की जनता ने राज्य की सत्ता से तृणमूल कांग्रेस को बेदखल करने का मन बना लिया है. श्री बसु ने कहा कि राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. आरोप लगाया कि चुन-चुन कर भाजपाइयों को झूठे मामलों में पुलिस फंसा रही है. इतना ही नहीं, भाजपा नेताओं की नृशंस हत्या की जा रही है. और मुख्यमंत्री यूपी के हाथरस-कांड पर हायतौबा मचा रही हैं. वह कामदुनी, गायघाटा, काकद्वीप, रायचक, रायगंज व जलपाईगुड़ी आदि जिलों में हुईं ऐसी शर्मनाक घटनाएं भूल गयीं.
शुक्ला के पोस्टमार्टम को लेकर एनआरएस अस्पताल में रहा तनाव का माहौल : बैरकपुर में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की रविवार शाम को हत्या के 20 घंटे से ज्यादा गुजरने के बावजूद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को लेकर सोमवार को दिनभर कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में तनाव का माहौल देखने को मिला. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, अरविंद मेनन, सांसद अर्जुन सिंह व महिला नेता लॉकेट चटर्जी के साथ अन्य भाजपा नेता सोमवार को सैकड़ों समर्थकों के साथ एनआरएस अस्पताल में पहुंचे. भाजपा समर्थकों का आरोप था कि पुलिस व सरकार की साजिश के तहत जिस तरह मनीष शुक्ला की गोली मार कर हत्या की गयी है, उन्हें संदेह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कारगुजारी कर मामले को कमजोर करने की कोशिश की जायेगी. इसके कारण भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाये, जिससे इस मामले में कोई रहस्य छिपा न रहे.
भीड़ को रोकने पर अस्पताल में जबरन घुसने की कोशिश : समर्थक अपनी मांग को लेकर एनआरएस अस्पताल के दो नंबर गेट के बाहर इकट्ठे हो गये, वे जबरन गेट के अंदर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. इसके कारण काफी देर तक अस्पताल के बाहर तनाव का माहौल रहा. पुलिस का कहना है कि ऐसी स्थिति में अस्पताल के गेट के अंदर अन्य मरीजों को लेकर पहुंच रहे एंबुलेंस प्रवेश करने में काफी दिक्कत हो रही है. इसके कारण पुलिस की तरफ से माइकिंग कर समर्थकों को वहां से हटने को कहा गया. पुलिस की तरफ से भरोसा दिया गया कि पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट के सामने होगा और प्रत्येक पार्ट की वीडियोग्राफी होगी. इससे किसी तरह के रहस्य की गुंजाइश नहीं रहेगी. इसके बाद भीड़ को वहां से हटा कर अस्पताल के गेट के बाहर पुलिस को तैनात कर अस्पताल का कामकाज सामान्य रखने की कोशिश की गयी.
पोस्टमार्टम में देरी होने के कारण फिर शुरू हुआ तनाव : भाजपा नेता मनीष शुक्ला के पोस्टमार्टम में देर होने के कारण सोमवार शाम को फिर से अस्पताल के आसपास समर्थकों में गुस्सा देखा गया. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का आरोप था कि मौत के 20 घंटे से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद पोस्टमार्टम संपन्न नहीं किया गया. इससे ही सरकार का लचर रवैया दिख रहा है. अंतत: अस्पताल की तरफ से शाम 5.30 बजे के करीब शव को परिवार के सदस्यों को सौंपा गया.
पोस्टमार्टम में देर होने का क्या था कारण : अस्पताल सूत्रों का कहना है कि श्री शुक्ला के शरीर के एकाधिक हिस्से में गोली लगी थी. सिर्फ उनके सिर में ही तीन गोली लगी थी. इसके कारण सिर व शरीर के एकाधिक हिस्से से कारतूस निकालने की प्रक्रिया के कारण पोस्टमार्टम करने में देर हुई. पुलिस की तरफ से कहा गया है कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गयी है. सभी कानून का पालन कर यह विधि पूरी की गयी, जिससे भविष्य में किसी तरह के सवाल की गुंजाइश न रहे.
सरकार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी प्रभावित करने की कोशिश करेगी, हो सकता है कि मनीष शुक्ला के लिए भी पुलिस की तरफ से कहा जाये कि इन्होंने भी खुद गोली मार ली है. पारिवारिक झमेले के चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया है. लेकिन अब सरकार की पुलिस ऐसा नहीं कर सकेगी.
लॉकेट चटर्जी, भाजपा नेता