Bihar Vidhan Sabha Election 2020, Bihar assembly election : एनडीए में भाजपा और जदयू के बीच सीटों के अंतिम स्तर पर तालमेल को लेकर गुरुवार को भाजपा के आला नेताओं की दिन भर कसरत चलती रही. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के सरकारी आवास में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे से सीटों के मंथन को लेकर विशेष बैठक शुरू हुई, जो शाम करीब पांच बजे तक चली. इसमें बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, संगठन महामंत्री नागेंद्र, शिवनारायण, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे.
दोपहर का भोजन भी उपमुख्यमंत्री के आवास पर ही हुआ. इस दौरान संभावित प्रत्याशियों, खासकर पहले चरण के प्रत्याशियों को लेकर भी अंतिम चरण की बात हुई. उम्मीद की जा रही है कि एक से दो दिनों में घटक दलों के बीच समझौता हो जायेगा और चार अक्तूबर को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में भाजपा उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगेगी.
विशेष बैठक में भाजपा ने विधानसभा की सभी 243 सीटों में ए,बी,सी और डी कैटोगरी की सीटों का चयन किया. इसके बाद इन सीटों अंतिम रूप से निर्णय करने के लिए भाजपा चुनाव समिति की बैठक प्रदेश कार्यालय में शाम करीब छह बजे से शुरू हुई. इसमें पार्टी के महामंत्री शामिल हुए. इसी बीच भाजपा आला कमेटी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर भी मुलाकात करने को लेकर कयास लगते रहे. पहले दोपहर बाद इनका जाना तय था. लेकिन, बाद में यह समय टल कर देर शाम को हो गया.
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सीटों को लेकर भाजपा ने अपने मैराथन मंथन के दौरान प्रत्येक सीट की सभी पहलुओं पर समीक्षा की. इस दौरान 55-60 ऐसी सीटों का चयन किया गया, जिसे भाजपा ए-कैटेगरी की समझती है. यानी इन सीटों पर भाजपा अपनी जीत पक्की समझती है. इसी तरह करीब 50-55 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें भाजपा बी कैटेगरी की मानती है. यानी इन पर थोड़ा-सा प्रयास करने पर भाजपा जीत हासिल कर सकती है. इसके अलावा 40-45 सी कैटेगरी की सीटें हैं, जिन पर जीतने के लिए थोड़ा ज्यादा जतन करना होगा. अन्य सीटें डी कैटेगरी की हैं, जहां कई वजहों से जीत मुश्किल है.
भाजपा के स्तर से सीटों की श्रेणी ए,बी,सी और डी तय करने के बाद इन्हें पहले जदयू और फिर लोजपा के साथ मिलकर बांटा जायेगा. भाजपा की कोशिश होगी कि वह अपनी ए और बी श्रेणी की सभी या अधिकतर सीटों को हासिल करने के बाद ही सी और डी श्रेणी की सीटों पर समझौता करे. इसमें भी ए श्रेणी की किसी सीट को छोड़ने की कोशिश भाजपा की नहीं होगी. हालांकि, अगर किसी सीट को लेकर कोई पेच फंसता है या अधिक खिंचतान जदयू के साथ होती है, तो उस पर बीच का रास्ता निकालने के मूड में भाजपा है. अब अपने स्तर पर सभी सीटों को तय करने के बाद वह जदयू के साथ बैठक करके इस पर अंतिम रूप से मुहर लगायेगी. दो-तीन अक्तूबर को एनडीए अपनी सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है.
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya