बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में रैलियों के आयोजन पर कोई रोक नहीं होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि आमने-सामने की रैलियों के आयोजन पर किसी प्रकार की रोक नहीं है. सिर्फ वर्चुअल रैली की बात करना गलत है. अगर सिर्फ वर्चुअल की बात होती, तो वह खुद चुनाव आयुक्तों के साथ बैठकर मीटिंग क्यों करते. उन्होंने बताया कि वो खुद दिल्ली और पटना में प्रेस काॅन्फ्रेंस किए और मीडिया से सीधी बात की. उन्होंने कहा कि वर्चुअल कैंपेन की जरूरत अलग है. एक्चुअल कैंपेन तो कराया ही जायेगा. साथ ही दो गज की दूरी का पालन किया जाना चाहिए. जिसकी निगरानी सीइओ और डीएम खुद करेंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आवश्यकता पड़ने पर किसी भी स्तर के अधिकारी को बदला जा सकता है. हमने पूर्व में मुख्य सचिव और डीजीपी को भी हटाया है. उन्होंने कैमूर के पूर्व में कोरोना पीड़ित डीएम को चुनाव आयोग का राज्य आइकान बनाने की घोषणा की.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग ने बिहार से सभी विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव मैदान और हॉल की रिपोर्ट मंगा ली है. पिछले दिनों आयोग की टीम ने बिहार के दौरे में सभी डीएम से चुनाव मैदानों की सूची मंगा ली है. सीइओ को निर्देश दिया गया है कि इन सभी सभा स्थलों व ग्राउंड का विज्ञापन निकाल कर जानकारी दे दें. उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास से कहा है कि वह आयोग के लिए एक हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करें, जिससे वह भी किसी विधानसभा में जा पाये. यह छापेमारी नहीं होगी, बल्कि यह देखने के लिए कि जो व्यवस्था की गयी है, वह क्रियान्वित हो रही है कि नहीं.
Also Read: Bihar Election 2020: भाजपा में रात तक हाेता रहा सीटों व उम्मीदवारों पर मंथन, टिकट वितरण पर हुआ यह फैसला…
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरीय नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए उनका आवेदन पत्र उनके घर से बीएलओ लेकर रिटर्निंग अफसर तक पहुंचायेंगे. साथ ही उनका बैलेट पेपर भी उनके घर से इकट्ठा किया जायेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ तय हुआ है कि 80 वर्ष से अधिक उम्र व दिव्यांग मतदाता हैं, उनके लिए यह प्रावधान किया गया है कि वह तभी बूथ पर आयेंगे, जब वह खुद चाहेंगे. अन्यथा उनका घर से बीएलओ और सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा बैलेट पेपर कलेक्ट करेंगे. शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.
15 सेवाओं के लोगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. इसमें विद्युत विभाग, बीएसएनएल, रेलवे, पोस्ट एंड टेलीग्राम, दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो, कांफेड व दुग्ध सहकारी समितियां, स्वास्थ्य विभाग के कोविड 19 सेवा से जुडे कर्मी, एफसीआइ कर्मी, विमानन सेवा, लंबी दूरी के पथ परिवहन के कर्मी, अग्निशमन सेवा, ट्रैफिक सेवा, एंबुलेंस और मीडिया कर्मियों को इसकी सुविधा मिलेगी. क्वारेंटिन मरीज भी मतदान के आखिरी घंटे में मतदान करेंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि राज्य में पारदर्शी चुनाव कराने के लिए कई ऑब्जर्वर लगाये जायेंगे. दो विशेष ऑब्जर्वर को लगाया गया है. इनमें मधु महाजन और बाला कृष्णन शामिल हैं. इनकी सेवाएं भरोसेमंद रही हैं. इनको दूसरे राज्यों के चुनावों में लगाया गया था. इसके अलावा सामान्य पर्यवेक्षक, व्यय पर्यवेक्षक, पुलिस ऑब्जर्वर और माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किये जायेंगे. अब तक 28 जिलों में 91 व्यय संवेदनशील चुनाव क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदान के समय में एक घंटे की वृद्धि की गयी है. इस बार मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा. पूर्व में मतदान की अवधि सुबह सात बजे से पांच बजे तक निर्धारित होती थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक ही मतदान कराया जायेगा.
उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए ऑनलाइन और प्रिंट के रूप में करने का मौका दिया गया है. जमानत राशि ऑनलाइन जमा की जा सकती है. नामांकन पत्र दाखिल करने में सिर्फ दो वाहनों का ही उपयोग किया जा सकता है. प्रत्याशी रोड शो कर सकते हैं. यह आवश्यक है कि रोड शो में पांच वाहनों के बाद दूरी हो. सभी तरह की चुनाव सभा में सामाजिक दूरी का पालन किया जायेगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का दुरुपयोग करने पर सख्ती से निबटा जायेगा. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनावी लाभ के लिए नफरत फैलाने या धार्मिक तनाव बढ़ाने या जातिगत तनाव बढ़ाने की जानकारी मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने 500-700 मतदाताओं पर एक बूथ गठित करने की कई राजनीतिक दलों की मांग को ठुकरा दिया. उन्होंने बताया कि एक हजार मतदाताओं से कम पर अब बूथों का गठन नहीं होगा. इतने कर्मी नहीं हैं, जिससे बूथों की संख्या को बढ़ायी जा सके. मतदाताओं को बीमा कराने की राजनीतिक दलों की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह काम खुद राजनीतिक दल अपने निधि से करें. मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा, राजीव कुमार, उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन, आशीष कुंद्रा, अपर महानिदेशक शेफाली बी शरण और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास उपस्थित थे.
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya