Madhya Pradesh by election 2020 : मध्य प्रदेश (MP By Poll) की सत्ता का भविष्य तय करने के लिए हो रहे 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर गहमा गहमी तेज हो गई है. इस उपचुनाव में कुछ चीजें पहली बार होने जा रहीं हैं. जैसे पहली बार 14 मंत्री उपचुनाव लड़ते नजर आएंगे. यही नहीं मतदान से पहले तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद पर काबिज नहीं रहेंगे. आपको बता दें कि दोनों ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने का काम किया था.
नियम की मानें तो कोई भी ऐसा शख्स छह माह से अधिक अवधि के लिए मंत्री पद पर नहीं रह सकता है, जो विधानसभा का सदस्य नहीं हो. इस तरह देखा जाए तो 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की यह समयसीमा समाप्त होने जा रही है. इस समयसीमा में उपचुनाव की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाएगी.
यहां आपको बताते चलें कि दोनों अपनी परंपरागत सीटों से उपचुनाव लड़ रहे हैं. उपचुनाव की तारीख तीन नवंबर को है जबकि नतीजे दस नवंबर को आएंगे. वहीं, पहली बार उपचुनाव समय पर न होने के कारण दो विधानसभा की सीटें छह माह से अधिक अवधि तक खाली नजर आईं. यदि आपको याद हो तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था.
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54 विस सीटों के लिए तीन नवंबर को वोटिंग: निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों 56 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नगालैंड, ओड़िशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर तीन नंवबर को मतदान होगा. वहीं, बिहार की एक लोकसभा सीट और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर सात नवंबर को वोट डाले जायेंगे. सभी सीटों के नतीजे 10 नवंबर को आयेंगे. असम, केरल, तमिलनाडु और बंगाल की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का एलान नहीं किया गया है. चुनाव आयोग का कहना है कि इन राज्यों में कुछ मुश्किलें हैं, इसलिए मौजूदा स्थिति में उपचुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया गया.
Posted By : Amitabh Kumar