Changes in Health insurance Rules : आज यानी 1 अक्टूबर 2020 से देश के लाखों बीमाधारकों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है. इसका कारण यह है कि गुरुवार से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है. बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव किए जाएंगे. इससे बीमाधारकों को कई फायदे होंगे. आइए जानते हैं कि आज से हेल्थ इंश्योरेंस के किन-किन नियमों में बदलाव हो जाएगा.
किस्तों में प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे बीमाधारक
नियमों में बदलाव होने के बाद गुरुवार से ही हेल्थ इंश्योरेंस का बीमाधारक प्रीमियम का भुगतान अब किस्तों में कर सकते हैं. बीमाधारक हाफ-ईयरली, क्वाटरली या मंथली किस्तों में प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे. अगर आपको 12 हजार का सालाना प्रीमियम देना है, तो आप अब इसे साल में नियमित अंतराल पर किस्तों में कर सकते हैं.
आठ साल बाद भी दावा नहीं होगा रिजेक्ट
इरडा के मुताबिक, आठ लगातार साल पूरे होने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम को नकारा नहीं जा सकता है, सिवाए अगर कोई फ्रॉड सिद्ध हो और कोई परमानेंट अपवाद पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट में बताया गया हो. हालांकि, पॉलिसी को सभी लिमिट, सब लिमिट, को-पेमेंट, डिडक्टेबिलिटी के मुताबिक देखा जाएगा, जो पॉलिसी कॉन्टैक्ट के मुताबिक हैं.
दावा निस्तारण
बीमा कंपनी को किसी क्लेम को आखिरी जरूरी दस्तावेज की रसीद की तारीख से 30 दिन में क्लेम का सेटलमेंट या रिजेक्शन करना होगा. क्लेम के भुगतान में देरी की स्थिति में बीमा कंपनी को पॉलिसीधारक को आखिरी जरूरी दस्तावेज की रसीद की तारीख से ब्याज देना होगा. यह बैंक रेट से दो फीसदी ज्यादा होगा. अगर क्लेम के लिए पड़ताल करनी है, तो कंपनी को उसे 30 दिन के भीतर ही पूरा करना होगा. अगर किसी के पास एक से ज्यादा पॉलिसी हैं, तो उसे पॉ़लिसी के नियम और शर्तों के मुताबिक क्लेम सेटलमेंट करना होगा.
नई बीमारियां होंगी कवर
इरडा की गाइडलाइंस में कई बाहर रखी गईं बीमारियों को भी कवर किया गया है. अब बीमा कंपनियां नई बीमारियों पर एक रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर देंगी. इनमें उम्र से संबंधित डिजनरेशन, मानसिक बीमारियां, जेनेटिक बीमारियों को अब कवर किया जाएगा. इसके अलावा, उम्र से संबंधित बीमारियां शामिल हैं, जिनमें मोतियाबिंद की सर्जरी और घुटने की कैप की रिप्लेसमेंट या त्वचा से संबंधित बीमारियां जो काम की जगह की स्थिति की वजह से हुई है, उस पर भी कवर मिलेगा.
टेलीमेडिसिन पर कवर
इरडा ने स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को टेलीमेडिसिन को भी दावा निपटान की नीति में शामिल करने का निर्देश दिया है. भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने 25 मार्च को ‘टेलीमेडिसिन’ को लेकर दिशानिर्देश जारी किया था ताकि पंजीकृत डॉक्टर टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य सेवाएं दे सके. इरडा ने सभी स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को सर्कुलर जारी कर कहा कि टेलीमेडिसिन की अनुमति का प्रावधान बीमा कंपनियों की दावा निपटान नीति का हिस्सा होगा. इसके लिए किसी तरह के सुधार को लेकर अलग से प्राधिकरण के पास कुछ भी देने की जरूरत नहीं है. हालांकि उत्पाद की मासिक/सालाना सीमा आदि के नियम बिना किसी छूट के लागू होंगे.
मेडिकल खर्च पर लागू होगा नया नियम
बीमा कंपनियों को अब कुछ मेडिकल खर्चों को शामिल करने की इजाजत नहीं होगी, जिसमें फार्मेसी और कंज्यूमेबल, इंप्लांट्स, मेडिकल डिवाइस और डाइग्नोस्टिक्स शामिल हैं. अब स्वास्थ्य बीमा कंपनियां प्रपोशनेट डिडक्शन के लिए कोई खर्च रिकवर नहीं कर सकती हैं. रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि यह आईसीयू चार्जेज के लिए लागू नहीं हो.
Posted by : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.