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सीएमडी गोपाल सिंह व सांसद बीडी राम ने किया राजहरा कोलियरी का निरीक्षण, 2021 में शुरू हो सकता है फिर से उत्पादन

सीएमडी गोपाल सिंह व सांसद बीडी राम ने किया राजहरा कोलियरी का निरीक्षण

मेदिनीनगर : यदि सबकुछ ठीकठाक रहा, तो वर्ष-2021 में राजहरा कोलियरी का दिन बहुर सकता है. 25 फरवरी 2019 को राजहरा कोलियरी के पुन: उत्पादन कार्य का उद्घाटन तत्कालीन सीएमडी गोपाल सिंह ने सांसद वीडी राम की मौजूदगी में किया था.

लेकिन पुन: उत्पादन के एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी राजहरा कोलियरी में उत्पादन शुरू नहीं हो सका. इस बीच लोग इसके उद्घाटन पर सवाल उठाने लगे. कहा जाने लगा कि सांसद श्री राम ने चुनावी स्टंट के तहत इस कोलियरी के पुन: उत्पादन का उद्घाटन कराया था. सवाल विश्वसनीयता का हो गया.

कई तरह के सवाल उठने लगे थे. इसी बीच पलामू सांसद वीडी राम ने एक बार फिर राजहरा कोलियरी में उत्पादन शुरू हो, इसके लिए सक्रियता के साथ पहल शुरू की है. इसके तहत बुधवार को सांसद श्रीराम ने सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद के साथ राजहरा कोलियरी का निरीक्षण किया.

निरीक्षण के बाद सांसद श्रीराम ने कहा कि नये सीएमडी पीएम प्रसाद के योगदान देने के बाद चार सितंबर को रांची के दरभंगा हाउस में मुलाकात कर पूरी स्थिति की जानकारी दी थी. इसके बाद सीएमडी ने यह भरोसा दिया था कि वह राजहरा कोलियरी चल कर स्थिति का जायजा लेंगे.

इसके बाद लोकसभा सत्र के समाप्ति के बाद वह कोलियरी पहुंचे है. सांसद श्रीराम ने कहा कि जैसा कि अधिकारियों ने मुझे आश्वस्त किया है कि फरवरी 2021 से राजहरा कोलियरी में पुन: उत्पादन शुरू हो जायेगा. इस दौरान बीच- बीच में वरीय अधिकारी भी स्थिति की समीक्षा के लिए आते रहेंगे.

सीएमडी पीएम प्रसाद ने बताया कि तीन माह के दौरान उन तकनीकी अड़चनों को दूर कर लिया जायेगा. जिस कारण कोलियरी में पुन: उत्पादन शुरू नहीं हो पा रहा है. 2021 के प्रारंभिक महीने में उत्पादन का कार्य शुरू हो जायेगा. इस मौके पर परियोजना पदाधिकारी डीके जैन, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सच्चिदानंद, मजदूर नेता केएन पांडेय, जन्मेज्य पांडेय, राकेश दुबे, राजकिशोर सिंह सहित कई लोग मौजूद थे.

जानिये राजहरा कोलियरी का इतिहास

राजहरा कोलियरी पलामू का लाइफ लाइन माना जाता है. इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासन काल में बंगाल कोल कंपनी ने किया था. आजादी के बाद 1972 में इसका सरकारीकरण हुआ था. इस कोलियरी में गुणवत्ता पूर्ण एशिया फेम का कोयला पाया जाता है. जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक राजहरा कोलियरी के परिधि में कोयले का अकूत भंडार है.

इसके सर्वे के बाद जो रिपोर्ट दी गयी है, उसमें यह कहा गया है कि यदि निरंतर कोयले का उत्खनन हो तो 50 साल तक यह कोलियरी अनवरत रूप से चल सकता है. लेकिन इस कोलियरी में पिछले 10 वर्ष से उत्पादन ठप है. इससे स्थानीय लोग भी ना उम्मीद हो चुके है. क्योंकि पुन: उत्पादन कार्य के उद्घाटन के डेढ़ साल से अधिक समय गुजर चुका है और कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. इस बीच सांसद व सीएमडी के दौरे से उम्मीद जगी है.

posted by : sameer oraon

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