Jago grahak jago : केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को कहा कि कोई भी विक्रेता एक अक्टूबर 2020 से स्रोत पर कर की कटौती (TCS) तभी करेगा, जब पिछले वित्त वर्ष में उसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक रहा हो. वित्त विधेयक 2020 में टीसीएस से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया गया है. ये संशोधन एक अक्टूबर 2020 से लागू हो जायेंगे.
इसमें कहा गया है कि सामान के विक्रेता को किसी खरीदार से बिक्री से होने वाली प्राप्ति वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक होने पर 0.1 फीसदी (0.075 फीसदी 31 मार्च 2021 तक) की दर से कर संग्रहण करना है. सीबीडीटी ने कहा है, ‘… यह टीसीएस इस साल 1 अक्टूबर 2020 को अथवा उसके बाद प्राप्त होने वाली राशि पर ही लागू होगा.’
सीबीडीटी ने जारी एक बयान में साफ कर दिया है कि एक अक्टूबर 2020 को अथवा उसके बाद प्राप्त होने वाली राशि पर ही टीसीएस लागू होगा और विक्रेता तभी टीसीएस की वसूली कर सकेगा, जब पिछले वित्त वर्ष में उसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक रहा हो. बयान में कहा गया है कि सामान के निर्यात पर टीसीएस के प्रावधान से छूट दी गई है.
सीबीडीटी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2018- 19 में करीब 3.5 लाख लोगों ने ही अपना कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक बताया है, जबकि मौजूदा स्थिति में कर कटौती करने वाले अथवा संग्रह करने वालों की संख्या 18 लाख से अधिक है.
सीबीडीटी ने कहा है कि कर संग्रह करने वालों के लिये तय की गई ऊंची सीमा और टीसीएस की काफी कम दर होने से इस प्रावधान की वजह से संग्रह करने वालों पर कोई भी नया अनुपालन बोझ नहीं पड़ेगा और न ही उनके लिए किसी तरह की परेशानी होगी.
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Posted By : Vishwat sen
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