हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों में हृदय रोगों और उनके प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है. दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जो हार्ट की बीमारियों से जूझ रहें हैं. भारत में हर पांचवा व्यक्ति दिल का मरीज है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दिल की बीमारी की वजह से हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है. यह वैश्विक मृत्यु दर का 31 फीसदी हिस्सा है. वर्ल्ड हार्ट डे 2020 के लिए थीम (World Heart Day 2020 Theme) है ‘यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज.’ हृदय का कार्य सभी अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए पूरे शरीर में रक्त पंप करना है, और जब यह इस तरह से काम करने में विफल रहता है, तो इसे हृदय की विफलता (Heart Failure) के रूप में जाना जाता है.
लोगों को दिल की बीमारियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2000 में की गई थी। तब यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर माह के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा, लेकिन 2014 में इसके लिए 29 सितंबर की तारीख तय कर दी गई.
विश्व हृदय दिवस का इतिहास:
विश्व के लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरुक करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2000 में हर साल 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया. अब तक सितम्बर के अंतिम रविवार को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता रहा था, लेकिन 2014 से इसे 29 सितम्बर के दिन ही मनाया जाएगा. ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यूएचओ) की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ हर साल ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाता है.
विश्व हृदय दिवस से संबंधित तथ्य:
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29 सितंबर, 2020 को पूरे विश्व में विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाएगा.
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इस वर्ष इस दिवस का विषय (Theme)-‘ ‘यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ (Use heart to beat cardiovascular disease) है.
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इस दिवस का मुख्य उद्देश्य कार्डियो वास्कुलर रोग (CVD) के जोखिम को कम करने हेतु निवारक उपायों के प्रति लोगों में जागरुकता को बढ़ावा देना है.
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कार्डियो वास्कुलर रोग हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाले विकारों का समूह है, जो कि फेफड़े, मस्तिष्क, गुर्दे और शरीर के अन्य भागों में रक्त की आपूर्ति करते हैं.
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वर्ल्ड हर्ट फेडरेशन के अनुसार, समय से पूर्व होने वाली मौंते कम-से-कम 80 प्रतिशत हृदय रोगों के कारण होती है.
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इसे अस्वास्थकर आहार, तंबाकू का उपयोग, शारीरिक गतिविधि की कमी और शराब के उपयोग जैसे 4 मुख्य जोखिम कारकों को नियंत्रित करके कम किया जाा सकता है.
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वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष विश्व हृदय दिवस आयोजित किया जा रहा है.
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कार्डियो वास्कुलर रोग के कारण प्रतिवर्ष 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है, जो सभी वैश्विक मौतों का 31 प्रतिशत है.
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ग्लोबल हर्ट्स इनिशिएटिव के माध्यम से विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) विश्व भर की सरकारों को सीवीडी की रोकथाम और नियंत्रण हेतु कई तकनीकी पैकेजों के माध्यम से उनके प्रयासों का समर्थन कर रहा है.
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प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में सीवीडी प्रबंधन को मजबूत करने हेतु वर्ष 2016 में तंबाकू नियंत्रण के लिए एमपीओ डब्ल्यूईआर (MPOWER) और नमक की कमी के लिए शेक (SHAKE) लांच किया गया था.
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डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य वर्ष 2025 तक गैर-संक्रमणीय रोगों (NCD) के कारण समय पूर्व होने वाली मौतों को 25 प्रतिशत तक कम करना है, जिसमें सीवीडी का हिस्सा सर्वाधिक है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.