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घरों में बह रहा पांच फुट पानी, छत पर लोगों ने बनाया बसेरा

प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की तबाही फिर से मची है. आजबीनगर, चमनपुरा, धर्मबारी, दिघवा दुबौली दक्षिण, दिघवा दुबौली उत्तर, चिउटाहा, गम्हारी, हमीदपुर, जगदीशपुर, बंगरा, फैजुल्लाहपुर, हकाम आदि पंचायतों में कई गांवों के लोग बाढ़ की त्रासदी से हलकान हैं.

बैकुंठपुर : प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की तबाही फिर से मची है. आजबीनगर, चमनपुरा, धर्मबारी, दिघवा दुबौली दक्षिण, दिघवा दुबौली उत्तर, चिउटाहा, गम्हारी, हमीदपुर, जगदीशपुर, बंगरा, फैजुल्लाहपुर, हकाम आदि पंचायतों में कई गांवों के लोग बाढ़ की त्रासदी से हलकान हैं. बाढ़ का पानी गांवों में तबाही मचा रहा है. सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी तीन से चार फीट की ऊंचाई तक जमा हो गया है. गांव के लोग ऊंची जगहों , एसएच 90 व बांधों पर शरण लिए हुए हैं. प्लास्टिक के नीचे भूखे- प्यासे गांव के लोग अपने पूरे परिवार सहित रहने को विवश हैं. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की राहत मुहैया नहीं करायी जा सकी है. विगत कुछ दिनों पहले बाढ़ के पानी से मची तबाही से तनिक निजात मिली थी कि दोबारा बाढ़ का पानी आकर खेत, खलिहान से लेकर घरों में फैल गया है.

पानी के तेज बहाव से टूटीं सड़कें, आवागमन बंद

पानी के तेज बहाव से कई संपर्क पथ भी टूटने लगे हैं. बाढ़ के पानी के बहाव में काफी तीव्रता है. इससे सड़कें टूटने लगी हैं. इससे आवागमन का संकट गहरा गया है. उधर, बाढ़ की त्रासदी के बीच हमीदपुर, सोनवलिया, बसहा, जगदीशपुर, गम्हारी, चिउटाहा, दुबौली व पकहा आदि गांवों के लोग भूखे प्यासे त्राहिमाम कर रहे हैं. उधर, सीओ राकेश कुमार दुबे, बीडीओ अरविंद कुमार गुप्ता तथा डीसीएलआर मोटर बोट पर सवार हो बाढ़ का जायजा लेने के लिए सोमवार को भ्रमण करते रहे.

बाढ़ के पानी में गिर पक्के मकान

कृतपुरा में इस बार भी कई पक्का मकान बाढ़ के पानी में जमींदोज हो गये हैं. सुनील दास, अशोक मिश्रा, भूलन शाह का घर बाढ़ के पानी में बह गया है. वहीं जगदीशपुर पंचायत के बसहा गांव में हाकिम शर्मा का भी पक्का का मकान बाढ़ के पानी में गिरा है. इस बात की जानकारी मुखिया हरिनारायण सिंह व मंजू देवी, ओमप्रकाश सिंह ने प्रशासन को दी है. बाढ़ की पीड़ा झेल रहे सोनवलिया गांव के सत्येंद्र सिंह, अजय सिंह, लालदेव राय, राजू राय, महेश राय, मंगल राय, विकास कुमार, नितेश कुमार, अरुण कुमार आदि लोगों ने बताया कि जैसे-तैसे मवेशियों को लेकर एसएच-90 पर प्लास्टिक के नीचे शरण ली है. घरों में पांच फीट तक पानी घुसा हुआ है. मवेशियों को लेकर बड़ी परेशानी हो रही है. भूसा चौदह से सोलह रुपए किलो खरीद कर मवेशियों को जिंदा रखने के लिए खिला रहे हैं. पहले बाढ़ की राहत राशि अब तक नहीं मिल सकी है.

posted by ashish jha

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