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योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए खूंटी जिला राज्य के लिए बनेगा आदर्श- मनरेगा आयुक्त

Jharkhand news, Ranchi news : झारखंड के मनरेगा आयुक्त (MNREGA commissioner) सिद्धार्थ त्रिपाठी खूंटी जिला अंतर्गत कर्रा प्रखंड के गुनी गांव का दौरा किये. इस दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से एवं प्रगति की ओर ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने के लक्ष्य को साझा करने के लिए मनरेगा आयुक्त ने कर्रा प्रखंड के ग्रामीणों से सीधी बातचीत की. गुनी गांव के इस दौरे में मौके पर भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हरिशंकर गुप्ता शशि भूषण व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड के मनरेगा आयुक्त (MNREGA commissioner) सिद्धार्थ त्रिपाठी खूंटी जिला अंतर्गत कर्रा प्रखंड के गुनी गांव का दौरा किये. इस दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से एवं प्रगति की ओर ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने के लक्ष्य को साझा करने के लिए मनरेगा आयुक्त ने कर्रा प्रखंड के ग्रामीणों से सीधी बातचीत की. गुनी गांव के इस दौरे में मौके पर भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हरिशंकर गुप्ता शशि भूषण व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

मौके पर झारखंड सरकार के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी द्वारा ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया गया कि हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए कि हम बहुमुखी प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकें. उन्होंने कहा कि सतत विकास के उद्देश्यों को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है. हमें इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है, जिससे हर व्यक्ति स्वावलंबन और आत्मविश्वास को सिद्ध कर सके. हम अपने गांव और अपने श्रम से आत्मनिर्भर जीवन की ओर कदम बढ़ायेंगे.

उन्होंने कहा कि खूंटी जिला के ग्रामीणों का यह उत्साह देखकर प्रतीत होता है कि विकास की गति अब नहीं रुकेगी. साथ ही खूंटी जिला पूरे राज्य के लिए सही उदाहरण बन कर उभरेगा. उन्होंने इन कार्यों को सफल रूप प्रदान करने के लिए की लोक प्रेरक दीदियों के साथ जनसामान्य की भी सराहना की है. साथ ही इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए ग्रामीणों का आत्मबल भी बढ़ाया.

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उन्होंने ग्रामीणों को खेती के साथ- साथ पशुपालन एवं मत्स्य पालन की दिशा में भी प्रेरित किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोगों को सामाजिक प्रगति की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है. इसके लिए सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए प्रयास होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं के प्रति ग्रामीणों का उत्साह और आत्मविश्वास से भरी परिवर्तन की ललक सराहनीय है.

सामूहिक प्रयासों से सकारात्मक बदलाव संभव

मनरेगा आयुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रेरक दीदियों के माध्यम से हर व्यक्ति अपने स्तर से जागरूक बन रहे हैं. वर्तमान परिपेक्ष में हम सभी का उद्देश्य है कि वर्षा जल के बहाव को कम करना, वर्षा जल का संचय, जमीन में नमी की मात्रा बढ़ाना, जल संरक्षण की विभिन्न संरचनाओं का निर्माण जैसे टीसीबी, मेढ़बंदी, एलबीएस (LBS), सोखता गड्ढा एवं नाला जीर्णोद्धार एवं फलदार वृक्षारोपण आदि को धरातल पर सफल रूप प्रदान करने में हमें मिलकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने सखी मंडल की दीदियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दीदियों ने ग्रामीणों को अपने हित के लिए जागरूक बनने की राह दिखायी है. नशामुक्ति की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इस दिशा में ग्रामीण जागरूक हो रहे हैं और अब लॉकडाउन की विपरीत परिस्थितियों में अवसर प्राप्त कर कल्याण की राह में बढ़ चले हैं. इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि इसी उत्साह और मेहनत के साथ एकजुट होकर इन योजनाओं का क्रियान्वयन करने में अपनी अहम भूमिका निभायें. उन्होंने कहा कि संगठन की शक्ति को समझते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है, ताकि हम सब एकजुट होकर विकास की ओर बढ़े. उन्होंने गुनी गांव के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रगति तब होगी जब हम मिलकर अपने श्रम से इसे संभव करें.

जल संरक्षण और सुदृढ जीवन की दिशा में अग्रसर है मानपुर गांव के ग्रामीण

इसी कड़ी में कर्रा प्रखंड स्थित गुनी गांव का भ्रमण किया गया. ग्रामीणों द्वारा उत्साहित होकर मनरेगा आयुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों को जल संरक्षण की विभिन्न संरचनाओं का निर्माण जैसे टीसीबी, मेढ़बंदी, सोखता गड्ढा एवं डोभा निर्माण आदि का भ्रमण कराया गया. भ्रमण के दौरान द्वारा संरचनाओं को और मजबूत करने की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. गुनी गांव में कुल 117 परिवार है. दूसरे गावों के लिए एक मिसाल बनने की राह पर यह गांव चल पड़ा है. इस गांव को अलग बनाती है इस गांव की एकजुटता, दृढ़संकल्प और अपने गांव के मिट्टी की प्रति त्याग.

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गांव की स्थिति 6 महीने पहले कुछ अलग थी. लोगों में आपसी झगड़े, तनाव, नशे की लत ने लोगों को कमजोर बना दिया था. इस गांव के 117 परिवार पूर्णतः कृषि से जुड़े हैं, लेकिन केवल वर्षा जल पर आश्रित थे. प्रेरक दीदीयों की मदद से लोगों को ग्रामसभा मजबूत करने पर जोर दिया गया, जिससे लोगों ने स्वच्छता की और ध्यान दिया और प्रतिदिन साफ- सफाई करने लगे. इस से एक नयी सकारात्मक ऊर्जा पैदा हुई और लोगों ने अपने गांव के बेहतरी के विषय में मंथन करना शुरू किया. स्वच्छता, साप्ताहिक श्रमदान, किसान भाई के घर बाड़ी में गोबर गड्ढे, नालियों में सोखता गड्ढे और अन्य बड़े कार्य ग्रामसभा की मदद से किये गये.

कभी लाखों की शराब पीते थे ग्रामीण

पुलिस फाइल में यह इलाका नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है. लेकिन, अब इस प्रखंड के कई गांवों की आबोहवा बदलने लगी है. इसमें सबसे अहम भूमिका लोक प्रेरक दीदी निभा रही हैं. दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना के जरिये ग्रामीणों की सोच बदलने जब लोक प्रेरक दीदी गांव पहुंची, तो ग्रामीणों के तीखे तंज का सामना करना पड़ा. लेकिन, लोक प्रेरक दीदी हेमंती ने हिम्मत नहीं हारी. गांव की महिलाओं और पुरुषों को ग्रामसभा शुरू करने के लिए प्रेरित करती रहीं. स्वच्छता अभियान से इसकी शुरुआत हुई. ग्रामीण महिलाओं को समझते देर नहीं लगी कि प्रेरक दीदी उनकी जिंदगी बदलने आयी है. सितंबर 2019 में ग्रामीणों को प्रेरित करने के लिए शुरू हुई यह योजना अब असर दिखाने लगी है.

जल संरक्षण कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम

दोनों गांव में पानी एक बड़ी समस्या है. दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना (Deendayal Village Swavalamban Yojana) के तहत जब ग्रामीणों को उनकी ताकत समझायी गयी, तब ग्रामीण एकजुट होने लगे. जहां ग्रामीण कल तक नरेगा से मरेगा का नारा देते थे, वही अब मनरेगा के जरिये गुनी गांव में टीसीबी (ट्रेंच कम बंड) और मेड़बंदी कर 200 एकड़ खेती योग्य जमीन में वर्षा जल रोकने में कामयाब हुए हैं. गुनी गांव के ग्रामीणों ने करीब 150 एकड़ जमीन पर टीसीबी और मेड़बंदी कर ली है, जिससे गर्मी के मौसम में तरबूज की खेती होती है.

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मनरेगा आयुक्त खुद ग्रामीणों को करते रहते हैं मोटिवेट

झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी छुट्टी के दिनों में खुद उन गांव में पहुंच जाते हैं जहां दीनदयाल ग्राम स्वालंबन योजना चल रही है. इस बार गुनी गांव जाकर उन्होंने ग्रामीणों से सीधी बात की. ग्रामीणों को ग्रामसभा की ताकत समझायी. गांव की तकदीर बदलने के लिए युवाओं को आगे आने को कहा. महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के फायदे गिनाये. उन्होंने कहा कि स्कूल और अस्पताल की बिल्डिंग बन जाने से विकास नहीं होता. सही मायने में तब विकास होगा जब ग्रामीण खुद इसकी अहमियत समझेंगे और अपने स्तर से पहल करेंगे.

Posted By : Samir Ranjan.

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