अब वाहन चालक वाहन चलाते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए सड़क परिवहनन मंत्रालय से अधिसूचना जारी कर दी है. मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक हावनों चालकों को वाहन में मोबाइल इस्तेमाल करने की अनुमति दी गयी है. पर इसका इस्तेमाल सिर्फ नेविगेशन के लिए किया जा सकता है.
इसके अलावा सभी कागजातों की सही तरीके से जांच के लिए और जांच में आसानी के लिए मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन परमिट, रजिस्ट्रेशन, बीमा से संबंधित कागजात और फिटनेस सर्टिफिकेट जैसे प्रमाण पत्रों को डिजिटल तौर पर मोबाइल में रखने की अनुमति पहले ही दी थी. हालांकि ये नियम अब एक अक्टूबर से लागू हो जायेंगे.
बता दे कि परिवहन मंत्रालय ने वाहन चलाते समय हाथ में पकड़े हुए उपकरण या मोबाइल के उपयोग को लेकर विशेष तौर मंत्रालय ने यह अधिसूचना जारी की है. मंत्रालय के नये नियम के मुताबिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल वाहन चलाते वक्त चालक सिर्फ नेविगेशन के लिए कर सकता है.
पर उसे मोबाइल को डैशबोर्ड में ऐसे जगह पर फिक्स करना है जहां पर वाहन चलाने के वक्त उसकी एकाग्रता में गड़बड़ी नहीं हो. उसे सड़क पर नजर रखने में कोई परेशानी नहीं हो. इससे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया था कि मंत्रालय नेविगेशन के इस्तेमाल के लिए चालकों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने देने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है.
वैश्विक अध्ययनो से पता चला है कि ड्राइविंग करते समय अगर चालक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है खास कर अगर ड्राइविंग के दौरान अगर वो टेक्सट मैसेज टाइप करता है तो वाहन के दुर्घटना ग्रस्त होने की संभावना चार गुना बढ़ जाती है. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना संशोधित मोटर अधिनियम के तहत खतरनाक ड्राइविंग श्रेणी में रखा गया है. वाहन चलाते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों की सजा का प्रावधान है.
मंत्रालय ने कहा कि इस नये नियम से यातायात के नियमों मे बहुत सुधार होगा. साथ ही वाहन के कागजात डिजिटल हो जाने से ड्राइवरों और नागरिकों की परेशानी खत्म हो जायेगी. नये नियम के प्रावधानों के मुताबिक कहा गया है कि लाइसेंस प्रदान करने वाली संस्थाएं अब हर लाइसेंस की जानकारी अपडेट करेंगे ताकि ड्राइवर के द्वारा पूर्व में की गयी गलतियों की जानकारी एक बार में मिल जायेगी. साथ ही कहा गया है कि डिजिटल वेरिफाईड दस्तावेज दिखाने के बाद कागजी दस्तावेज नहीं मांगे जायेंगे.
एक अक्टूबर से संशोधित नियम लागू कर दिये जायेंगे. इसके तहत अगर ड्राइवर अपने लाइसेंस, पीयुसी, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन और परमिट का डिजिटल वेरिफाइड वर्जन दिखा सकता है. यह मान्य होगा. उसे कागजी दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी. यह उन मामलों में भी शामिल होगा जहां पर कागजात को सीज करने की प्रक्रिया अपनायी जाती है. निरीक्षण करने वाले अधिकारी को अपनी पहचान की मोहर भी लगानी होगी, जिसे पोर्टल में दर्ज किया जायेगा. इससे वाहनों की अनावश्यक जांच या निरीक्षण में मदद मिलेगी. इससे ड्राइवर और आम नागरिकों की परेशानी दूर होगी.
Posted By: Pawan Singh