ये हैं राजनीति से जुड़ी कुछ बेटियां, जिन्होंने बनायी है अपने दम पर समाज में एक अलग पहचान.
भारतीय अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ हैं. मिमी चक्रवर्ती बंगाली फिल्मों की जानी-पहचानी अभिनेत्री हैं. वो पहली बार चुनाव लड़ीं और पहली ही बार में संसद पहुंच गईं. वो वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जाधवपुर से लोक सभा सांसद हैं.
बंगाली फिल्मों की जानी-मानी अदाकार हैं. 17वीं लोकसभा में नुसरत जहां सबसे युवा सांसद रहीं. 2010 में मिस कोलकाता फेयर-वन ब्यूटी कांटेस्ट जीतने के बाद नुसरत मॉडलिंग करने लगीं. नुसरत ने जीत के साथ फिल्म ‘शोत्रू’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की.
फिल्मों और थिएटर की दुनिया में छाप छोड़ने के बाद अंगूरलता डेका राजनीति में आईं. अंगूरलता डेका ने असम के बतद्रोवा से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता है. अंगूरलता डेका मॉडल और एक्ट्रेस हैं. वो कई बंगाली और असमिया फिल्मों में काम कर चुकी हैं. अंगूरलता एक्टिंग के अलावा फिल्में भी डायरेक्ट करती हैं.
3 जनवरी 1979 को जन्मीं गुल पनाग अभिनेत्री, मॉडल और राजनीतिज्ञ हैं. गुल पनाग ने 1999 में मिस इंडिया का खिताब जीता था. गुल पनाग मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुकी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ से चुनाव लड़ चुकी हैं. अपनी शादी में बुलेट से पहुंचने वाली गुल पनाग असल जिंदगी में सुपर वुमन मानी जाती हैं.
अभिनेत्री और जानी-मानी राजनेता हैं. 1991 से 2002 के बीच उन्होंने कई फिल्में की. 1990 से 2000 के बीच सौ फिल्में करने वाली रोजा सेल्वामणी एकमात्र अभिनेत्री हैं. 1999 में राजनीति में आने वाली रोजा ने आंध्रप्रदेश के नागारी सीट से विधानसभा चुनाव जीता था.
29 नवंबर 1982 को जन्मीं दिव्या स्पंदना राम्या के नाम से भी जानी जाती हैं. कन्नड़ फिल्मों के साथ राम्या तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम कर चुकी हैं. एक्टिंग के लिए राम्या को दो फिल्मफेयर अवॉर्ड (साउथ) और कर्नाटक राज्य फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है. 2013 में राम्या ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने में सफलता पाई. राम्या को कांग्रेस की डिजिटल मीडिया टीम के जरिए चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है.
भोजपुरी फिल्म और टीवी की जानी-पहचानी कलाकार हैं. टीवी के शो ‘लापतागंज’ में उनके चमेली के किरदार को काफी पहचान मिली. 2012 में काजल निषाद ने कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर (ग्रामीण) से चुनाव लड़ा था. काजल समाज सेवा से जुड़े कामों में भी हिस्सा लेती हैं.
15वीं लोकसभा की सदस्य रह चुकी हैं. 2009 में मेघालय की तुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. मनमोहन सिंह सरकार में अगाथा संगमा सबसे युवा राज्यमंत्री रह चुकी हैं. पुणे यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने वाली अगाथा वकालत भी कर चुकी हैं. अगाथा ने यूके के नॉटिंघम यूनिवर्सिटी से पर्यावरण प्रबंधन में एमए की डिग्री भी ली है.
जयपुर के 60 किलोमीटर दूर सोडा गांव में सरपंच चुनी गईं. छवि राजावत सरपंच के पद पर पहुंचने वाली सबसे युवा शख्स हैं. उन्हें राजस्थान को बदलने वाले चेहरे के रूप में भी जाना जाता है. छवि के दादा बृग रघुवीर सिंह भी सोडा के सरपंच रह चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी छवि को काफी प्रसिद्धि मिली हुई है.
Posted By : Abhishek & Sumit