प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की. दोनों देशों के बीच बाइलैटरल वर्चुअल समिट का आयोजन किया था. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की पड़ोसी पहले की नीति को दोहराया. उन्होंने कहा की श्रीलंका से संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं. दोनों देशों के संबंध हजारों साल पुराने हैं.
भारत और श्रीलंका बिम्सटेक, आइओआरए और सार्क मंचों पर भी एक दूसरे को सहयोग करते हैं. महिंद्रा राजपक्षे की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका के बीच संबंधों में एक एतिहासिक मोड़ देने का अवसर प्राप्त होगा. दोनों देशों के लोग इस ओर आगे की बात चाहते हैं. दोनों ही सरकारों की ओर से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिए आगे आयेंगे.
विदेश मंत्रालय के हिंद महासागर क्षेत्र प्रभाग के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने कहा, भारत-श्रीलंका आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान, आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए लगभग 105 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर की पहली उद्घाटन उड़ान में भारत श्रीलंका के बौद्ध तीर्थ यात्रियों के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा को सुविधा प्रदान करेगा.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और श्रीलंका द्विपक्षीय वित्तीय सहयोग को मजबूत करने के कि दिशा में काम कर रहे हैं. भारत ने आर्थिक सुधार में सहायता करने और कोरोना संबंधित विवादों से निपटने के लिए श्रीलंका के सेंट्रल बैंक में 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा का विस्तार किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे ने बातचीत के दौरान भारतीय सहायता से निर्मित एक प्रतिष्ठित परियोजना जाफना सांस्कृतिक केंद्र का जिक्र किया. जो बनकर लगभग तैयार हो चुका है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष को इसका उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है.
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी को उम्मदी है कि कुछ उत्पादों के आयात पर श्रीलंकाई पक्ष द्वारा लगाए गए अस्थायी प्रतिबंधों में जल्द ही ढील दी जाएगी इससे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था समेत वहां की आम जनता को भी फायदा होगा.
Posted By: Pawan Singh