15.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर के निचले इलाकों में घुसा बारिश का पानी, सड़क से आंगन तक डूबा

डुमरांव : दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण मौसम में जबरदस्त बदलाव आया है. बारिश से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है और बाजार भी प्रभावित हुआ है. दो दिनों की बारिश से शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो गया और नाली-नाला की पानी उफना कर लोगों के घरों के आंगन तक पहुंच गया तो कई सड़कों पर भी जलजमाव की स्थिति बन गयी.

डुमरांव : दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण मौसम में जबरदस्त बदलाव आया है. बारिश से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है और बाजार भी प्रभावित हुआ है. दो दिनों की बारिश से शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो गया और नाली-नाला की पानी उफना कर लोगों के घरों के आंगन तक पहुंच गया तो कई सड़कों पर भी जलजमाव की स्थिति बन गयी. शहर के गोला रोड, सफाखाना रोड, पुराना थाना रोड के सड़क पर वर्षा के पानी से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी तो टेक्सटाइल कॉलोनी, चाणक्यपुरी कॉलोनी, बड़ा बाग के इलाके के घरों में पानी घुस गया. ऐसी हालत में लोगों की परेशानी बढ़ गयी. मोहल्लेवासी लंबी दूरी तय कर जैसे-तैसे घरों में पहुंचे. कई लोगों की दिनचर्या पर भी असर पड़ा तो वहीं दूसरी ओर शहर के मंडियों में भी लोगों का आना-जाना थमा रहा. शहरवासियों की माने तो कई मोहल्लों में पूरे साल जलजमाव रहता है. बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से हर साल हालत बेकाबू हो जाते है. ऐसे में करोड़ों खर्च के बाद भी शहर की आधी से अधिक आबादी जलजमाव का दंश झेलती है. बावजूद नगर पर्षद को आमजन की समस्या से कोई वास्ता नहीं रह गया है. फिलहाल बारिश नहीं रूकी तो अन्य मोहल्ले के भी हालत बिगड़ने के आसार बढ़ जायेंगे.

मौसम विभाग ने जारी किया था अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी 27 सितंबर तक चेतावनी देकर अलर्ट किया है, जिसको लेकर जिलाधिकारी अमन समीर ने डुमरांव नगर पर्षद को जलजमाव से निपटने के लिए पूर्व में ही हिदायत दी थी. इसके लिए जलजमाव वाले इलाके में कर्मियों की निगरानी करने और नाली-नाला को तत्काल सफाई कराने का निर्देश दिया था. डीएम के निर्देशों के बाद भी नप प्रशासन सोया रहा और नतीजतन निचले इलाके में बारिश का पानी घरों तक पहुंच गया.

20 लाख हर माह होता है खर्च

नगर पर्षद प्रशासन शहर की सफाई और स्वच्छता को लेकर हर माह करीब 20 लाख की राशि खर्च करती है. शहरी नाला-नाली और कूड़े के उठाव को लेकर नप एनजीओ के कंधे पर इसकी जिम्मेदारी देकर आंख बंद कर ली है. नाली-नालों की नियमित सफाई नहीं होने से बरसात के पानी का ठहराव हो जाता है. कई जगहों पर नाली का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता है. गलियों और कई कॉलोनियों में कूड़े-कचरे का भी नियमित उठाव नहीं होता.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें