New Labor Code : देश में प्राइवेट नौकरी करने वालों को मोदी सरकार ने कोरोना काल के त्योहारी सीजन में बड़ा तोहफा दिया है. प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अब एक साल तक नौकरी करने के बाद ही ग्रेच्युटी का लाभ उठा सकते हैं. देश के संगठित और असंगठिक दोनों प्रकार के श्रमिकों को सुविधाएं देने के लिए नए श्रम विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गयी है और इस कानून से नौकरी-पेशा लोगों को मुनाफा होगा. इस नए श्रम कानून से उन लोगों खास फायदा होगा, जो प्राइवेट कंपनियों में काम करते हैं. अब ग्रेच्युटी लेने के लिए नौकरी-पेशा लोगों को 5 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब 5 साल की जगह एक साल में ही ग्रेच्युटी मिल सकती है.
पुराने श्रम कानून के हिसाब से अभी तक ग्रेच्युटी का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को एक ही कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करना जरूरी है. नए प्रावधानों के अनुसार, अब कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनके वेतन के साथ-साथ ग्रेच्युटी का फायदा भी मिल सकेगा, चाहे कॉन्ट्रैक्ट कितने भी दिन का हो.
क्या है ग्रेच्युटी का हिसाब?
ग्रेच्युटी कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दी जाती है. इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये तक होती है. कर्मचारी ने एक ही कंपनी में 20 साल काम किया और उसका अंतिम वेतन 60 हजार रुपये है, तो इस वेतन को 26 से भाग दिया जाता है, क्योंकि ग्रेच्युटी के लिए 26 कार्यदिवस माना जाता है. इस आधार पर 2,307 रुपये की रकम निकलेगी. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी व्यक्ति ने 7 साल एक ही कंपनी में काम किया. उसकी अंतिम सैलरी 35000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है, तो रकम का हिसाब (35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये होगा. इसका मतलब यह कि कर्मचारी को ग्रेच्युटी के तौर पर 1,41,346 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
गणना में 15/26 का क्या है मतलब?
सही मायने में, एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी की गणना होती है. वहीं, महीने में 26 दिन ही कार्यदिवस के तौर पर गिना जाता जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन का साप्ताहिक अवकाश होता है. ग्रेच्युटी की गणना में एक अहम बात यह भी है कि इसमें कोई कर्मचारी 6 महीने से ज्यादा काम करता है, तो उसकी गणना एक साल के तौर पर की जाएगी. अगर कोई कर्मचारी 7 साल 7 महीने काम करता है, तो उसे 8 साल मान लिया जाएगा और इसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम का हिसाब किया जाएगा. वहीं, अगर 7 साल 3 महीने काम करता है, तो उसे 7 साल ही जाएगा.
कांट्रैक्ट कर्मचारियों को मजबूत बनाएंगे श्रम सुधार
राज्यसभा में नए श्रम विधेयक के पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि लंबे समय से जिसकी जरूरत थी, वह श्रम सुधार संसद द्वारा पारित कर दिए गए हैं. ये सुधार हमारे मेहनती श्रमिकों की भलाई सुनिश्चित करेंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे.
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Posted By : Vishwat Sen
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