रांची : झारखंड ऊर्जा विभाग द्वारा रांची और जमशेदपुर में बिजली वितरण की जिम्मेवारी निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में ट्रांजेक्शन एडवाइजर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए ऊर्जा विभाग द्वारा एक्सप्रेशन अॉफ इंटरेस्ट (इवाइ) मंगाया था. इसमें छह कंपनियों ने हिस्सा लिया था. पर चार कंपनियां सारे मानकों को पूरा करने में सफल हो पायी हैं. इनमें डिलाइट, अर्नेस्ट एंड यंग, केपीएमजी व पीडब्ल्यूसी का चयन हुआ है.
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ये चारों मिलकर रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफक्यू) तैयार करेंगी. इसके बाद टेंडर आमंत्रित किया जायेगा. टेंडर में चयनित कंपनी को ही रांची और जमशेदपुर में बिजली वितरण का काम सौंपा जायेगा. गौरतलब है कि विश्व बैंक की परामर्शी एसबीआइ कैपिटल मार्केट्स ने झारखंड बिजली वितरण निगम में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माॅडल का अध्ययन कर कांसेप्ट नोट तैयार किया है.
विद्युत वितरण में सुधार के लिए बिजली के क्षेत्र में व्यापक पूंजी निवेश के साथ बेहतर प्रबंधन और संचालन क्षमता में सुधार के लिए किये अध्ययन में साझेदारी को बेहतर विकल्प बताया. इसमें पीपीपी के कई बिजनेस मॉडल का सुझाव दिया गया है. राज्य के दो विद्युत एरिया बोर्ड रांची व जमशेदपुर में पीपीपी मोड में वितरण लाइसेंसी नियुक्त करने की स्वीकृति दी थी.
आधी रांची बिजली संकट की चपेट में : बुधवार को आधी राजधानी बिजली संकट की चपेट में रही. घंटों बड़े इलाके में बिजली कटी रही. इसकी तीन प्रमुख वजहें रहीं. एक तो हटिया-1 से कांके ग्रिड को जोड़नेवाली मेन ट्रांसमिशन लाइन पर एचटी लाइन का तार टूट कर गिर गया था, दूसरा पीटीपीएस ग्रिड में हैवी जर्क आया और तीसरा तेनुघाट की दोनों यूनिटों से उत्पादन ठप हो गया था. इन वजहों से राजधानी और आसपास के बड़े इलाके में देर रात तक बिजली आपूर्ति बाधित रही.
Post by : Pritish Sahay