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पटना मेट्रो रेल का शुरू हुआ काम, तीन वर्षों में सफर कर सकेंगे लोग, दो कॉरिडोर में होंगे कुल 26 स्टेशन

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना मेट्रो रेल परियोजना का कार्यारंभ की शुरुआत की. पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम पांच वर्षों में पूरा करना है. हालांकि, प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण तीन वर्षों में ही पूरा करना है. अर्थात् प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण पूरा होने के बाद आप पटना में मेट्रो रेल से आप सफर कर सकेंगे.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना मेट्रो रेल परियोजना का कार्यारंभ की शुरुआत की. पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम पांच वर्षों में पूरा करना है. हालांकि, प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण तीन वर्षों में ही पूरा करना है. अर्थात् प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण पूरा होने के बाद आप पटना में मेट्रो रेल से आप सफर कर सकेंगे.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास 17 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. पटना मेट्रो रेल का निर्माण कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के द्वारा किया जा रहा है. 13,590 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों का कार्य पांच वर्ष के अंदर पूर्ण हो जायेगा. अभी मलाही पकड़ी से बस टर्मिनल तक के कार्य की शुरुआत की जा रही है. पटना मेट्रो की शुरुआत होने से शहर के लोगों को काफी सहूलियत होगी.

पटना मेट्रो में होंगे दो कॉरिडोर

कॉरिडोर-1 के तहत दानापुर-मीठापुर-खेमनीचक होगा. इसकी कुल लंबाई 17.933 किमी होगी. इसमें 7.393 किमी उपरिगामी (जमीन से ऊपर) और 10.54 किमी भूमिगत मेट्रो लाईन होगी. वहीं, कॉरिडोर-2 के तहत पटना रेलवे स्टेशन-गांधी मैदान-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल होगा. इसकी कुल लंबाई 14.564 किमी होगी. इस रूट मं 7.926 किमी भूमिगत और 6.638 किमी उपरिगामी मेट्रो लाईन होगी.

कॉरिडोर-1 में होंगे 14 स्टेशन

कॉरिडोर-1 में कुल 14 मेट्रो स्टेशन होंगे. दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र स्टेशन उपरिगामी होंगे. इसके बाद मेट्रो भूमिगत हो जायेगी. रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना चिड़ियाघर, विकास भवन, विद्युत भवन, पटना स्टेशन भूमिगत मेट्रो स्टेशन होगा. फिर मेट्रो उपरिगामी हो जायेगी. मीठापुर, रामकृष्ण नगर, जगनपुरा और खेमनीचक उपरिगामी मेट्रो स्टेशन होंगे. इस रूट पर पटना स्टेशन और खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होंगे.

कॉरिडोर-2 में होंगे 12 स्टेशन

कॉरिडोर-2 में सात स्टेशन भूमिगत और पांच स्टेशन उपरिगामी होंगे. पटना स्टेशन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय मोइनुल हक स्टेडियम और राजेंद्र नगर स्टेशन भूमिगत होंगे. जबकि, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल उपरिगामी मेट्रो स्टेशन होंगे. इस रूट पर खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होगा.

पाटलिपुत्र बस टर्मिनल में बनेगा डिपो

डीपीआर में पहले दो डिपो प्रस्तावित थे. लेकिन, अब पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (पूर्ववर्ती आईएसबीटी बस स्टैंड) के समीप एक ही डिपो का निर्माण किया जायेगा. इन सभी परियोजनाओं पर खर्च होनेवाली राशि में 20 फीसदी बिहार सरकार, 20 फीसदी भारत सरकार वहन कर रही है. जबकि, 60 फीसदी राशि जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी वहन कर रही है.

तीन वर्षों में ही पूरा करना है प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो

पटना मेट्रो रेल परियोजना को लेकर सर्वेक्षण एवं मृदा की जांच पूरी की जा चुकी है. भू-तकनीकी कार्य एवं यातायात सर्वेक्षण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. एलाइनमेंट के अंतर्गत आनेवाले उपयोगिताओं के कार्य 30 सितंबर तक पूरे कर लिये जायेंगे. एलाइनमेंट के मार्ग में स्थित पेड़ों को काटने और अन्यत्र स्थापित करने को लेकर संयुक्त सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके लिए वन एवं पर्यावरण विभाग से अनुमति भी मिल गयी है. पांच वर्षों में पूरे होनेवाले पटना मेट्रो रेल परियोजना का प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण तीन वर्षों में ही पूरा करना है.

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