नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद के इतिहास में कल का दिन (रविवार को दिन) सबसे शर्मनाक दिन था. माइक तोड़ी गई, माइक का तार निकाला गया. पार्टी के दल के नेता रहे शख्स ने रूल बुक फाड़ दिया. 10 साल तक मंत्री रहे लोग पोडियम पर आ गये. अगर मार्शल ने नहीं बचाया होता तो उपसभापति पर हमला होता.
प्रसाद ने निलंबित सांसदों के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि कल डेप्युटी चेयरमैन के साथ दुर्व्यवहार किया गया, आज चेयरमैन के आदेश की अवहेलना की गयी. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों के कारण ही कल बिल पर चर्चा नहीं हो सकी. वे हंगामा करने लगे और बाद में वेल में आ गये. उपसभापति हरिवंशजी ने 13 बार सदस्यों को उनकी सीट पर जाने को कहा. वे नहीं गए, इस वजह से वोटिंग भी नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि कल सुबह साढ़े 9 से 1 बजे तक बहस चली. शांति से बहस चली, बिल पास होने तक हाउस को बढ़ाने का संसदीय कार्य मंत्री का आग्रह था. यह सामान्य प्रकिया है. कल जैसे ही यह बात कही गई, इसका विरोध शुरू हो गया. कृषि बिल पर राज्यसभा में हंगामा किया गया. राज्यसभा के चेयरमैन ने सांसदों के निलंबन का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद जो सदस्य थे, वो सदन से बाहर नहीं गये. ये नियमों का खुला उल्लंघन है.
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इधर, कांग्रेस ने सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों के निलंबन को ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘एकतरफा’ करार दिया. निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के भी तीन सदस्य शामिल हैं. पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो सदस्यों की आवाज दबाई गई और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया. गांधी ने कहा कि ऐसा करके लोकतांत्रिक भारत को चुप कराने की कोशिश जारी है.
उच्च सदन में रविवार को कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान अप्रत्याशित हंगामा देखा गया था. इसके एक दिन बाद ही राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था. रविवार को हंगामे के दौरान उपसभापति के साथ ‘अमर्यादित आचरण’ के लिए आज विपक्षी दलों के आठ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया.
Posted By: Amlesh Nandan.