चेन्नई सुपर किंग (Chennai Super Kings) ने आइपीएल (IPL 2020) के पहले मैच में गत चैंपियन मुंबई इंडियंस (mumbai indians) काे हरा कर पिछले साल फाइनल में मिली हार का कुछ हद तक बदला ले लिया. काेराेना (coronavirus) के कारण बिल्कुल अलग माहाैल में यह मैच खेला गया. कुछ माह पहले तक ऐसा लग रहा था कि आइपीएल (ipl) कराना ही संभव नहीं. कारण था काेराेना. लेकिन भारत की धरती पर न सही, विदेशी धरती पर आइपीएल खेला जा रहा है. मैदान में दर्शक नहीं, खिलाड़ी आपसी दूरी बनाने की काेशिश कर खेल रहे हैं. इसके बावजूद राेमांच कम नहीं हुआ है.
15 अगस्त काे जब धाैनी ने संन्यास लेने की घाेषणा की थी, उसके बाद से धाैनी के प्रति खेल प्रेमियाें का आकर्षण और बढ़ा ही है. आज भी सबसे ज्यादा चर्चा में धाैनी ही थे. नये लुक में थे और मैदान पर उनकी हर गतिविधि ध्यान खींचनेवाली थी. आज के मैच में धाैनी काे भले ही बल्ला से कमाल दिखाने का माैका नहीं मिला लेकिन उन्हाेंने अपनी कप्तानी से फिर यह साबित कर दिया कि क्याें उन्हें बेहतरीन कप्तान माना जाता है. यह उम्मीद की जा रही थी कि जाे टास जीतेगा, वह पहले बल्लेबाजी करेगा लेकिन धाैनी ने ऐसा नहीं किया. उन्हें पता था कि अंतिम 10 ओवर में ओस के कारण गेंदबाजी मुश्किल हाेगी. यह धाैनी की दूरदृष्टि थी और उन्हाेंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया.
मुंबई इंडियंस की टीम का मनाेबल आज शुरू में काफी बढ़ा हुआ था क्याेंकि पिछले सीजन में सीएसके और मुंबई इंडियंस के बीच चार मुकाबले हुए थे और चाराे में सीएसके काे हार मिली थी. फाइनल भी हार गया था. जब राेहित शर्मा और डीकाक ने 4.4 आेवर में 46 रन बना लिये थे, ताे ऐसा लगा कि धाैनी का पहले गेंदबाजी करने का फैसला गलत हाे सकता है. उस समय ताे ऐसा लगा कि मुंबई इंडियन की टीम 180 से ज्यादा स्काेर खड़ा कर सकती है. लेकिन धाैनी चतुर कप्तान हैं और उन्हाेंने राेहित शर्मा के लिए सीमा पर से खिलाड़ी काे आगे बुला कर उन्हें फंसा लिया. 9 ओवर में मुंबई ने दाे विकेट पर 83 का स्काेर बना लिया था. गेंदबाजाें की धुनाई हाे रही थी लेकिन धाैनी ने अपने गेंदबाजाें पर भराेसा किया.
जडेजा पर धाैनी काे भराेसा रहा है और आज इसी जडेजा काे मुंबई इंडियंस ने निशाना बनाया था. जडेजा के तीसरे ओवर में अंतिम दाे गेंद पर दाे छक्के भी लगे थे. तीन ओवर में उसने 37 रन दे दिये थे. काेई और कप्तान हाेता ताे शायद जडेजा से आगे गेंदबाजी नहीं कराता. धाैनी ने 15 ओवर फिर जडेजा काे ही दिया और उसने एक ही ओवर में साैरभ तिवारी और हार्दिक पांडया काे आउट कर सीएसके काे मैच में वापस लाया. पियूष चावला काे माैका दिया और उसने चार ओवर में सिर्फ 21 रन दिये. किस समय किस गेंदबाज से गेंदबाजी करानी है, इसे धाैनी ने फिर साबित किया. यह धाैनी की रणनीति का ही नतीजा था कि मुंबई की टीम 162 रन ही बना सकी.
यह बहुत बड़ा स्काेर नहीं था लेकिन जब 6 रन पर वाटसन और विजय आउट हाे गये ताे लक्ष्य मुश्किल दिखने लगा था. इसे आसान किया रायडू और डुप्लेसिस ने. दाेनाें ने तीसरे विकेट के लिए 115 रन की साझेदारी की. रायडू ने 71 रन की शानदार पारी खेली लेकिन उनके आउट हाेते ही ऐसा लगा कि मैच कहीं फंस न जाये. लाेग यह उम्मीद कर रहे थे कि धाैनी खुद बल्लेबाजी करने आयेंगे लेकिन उन्हाेंने जडेजा काे भेजा. छाेटी लेकिन तेज पारी खेल कर जडेजा ने अपना काम किया. जडेजा के आउट हाेने पर भी धाैनी नहीं आये और उन्हाेंने सैम करन काे भेजा. ऐसा इसलिए क्याेंकि बायें और दायें हाथ के एक-एक खिलाड़ी की जाेड़ी बनी रहे. एक छाेर डुप्लेसिस संभाल ही रहे थे.
धाैनी ने टीम में सैम काे ब्रेवाे की जगह शामिल किया था ताकि जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी वे कर सकें. आज वही काम करन ने कर दिखाया. सिर्फ छह गेंदाें पर दाे छक्के और एक चाैके की मदद से 18 रन की पारी उस समय खेली जब टीम काे लगभग दस रन प्रतिओवर की गति से रन बनाना था. इससे टीम का काम आसान हाे गया. सैम के आउट हाेने के बाद खुद धाैनी आये और सिर्फ दाे गेंदाें का सामना किया. बाकी का काम ताे डुप्लेसिस ने कर दिखाया. सीएसके पांच विकेट से मैच जीता. इस जीत ने साबित कर दिया कि भले ही धाैनी की सीएसके में कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ी आज नहीं थे लेकिन इसके काेई फर्क नहीं पड़ा. जिसे टीम में शामिल किया, उसका भरपूर उपयाेग किया. इसे कहते हैं धाैनी की कूल कप्तानी.