पटना : लॉकडाउन के समय पटना जिला प्रशासन ने बंद स्कूलों को जबरन फीस नहीं मांगने एवं सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने का निर्देश दिया था. लेकिन, जिला प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर निजी स्कूलों ने अपने हिसाब से फीस की वसूली की है. अधिकतर स्कूल प्रबंधन ने पैरेंट्स से ट्यूशन फीस के अलावा डेवलपमेंट चार्ज, बिल्डिंग चार्ज, कंप्यूटर चार्ज, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, एक्सट्रा एक्टिविटी, एसएमएस चार्ज आदि भी वसूले. फीस जमा नहीं होने के कारण कई बच्चों को ऑनलाइन क्लास से निकाल भी दिया गया. फर्स्ट टर्म की परीक्षा होने वाली है. परीक्षा से पहले पैरेंट्स पर फीस देने का दबाव पुन: बनाया जा रहा है. एग्जाम से बाहर करने की भी धमकी दी जा रही है.
जिला प्रशासन ने निर्देश के बाद भी स्कूल प्रशासन लगातार पैरेंट्स के मोबाइल पर मैसेज भेज कर फीस की डिमांड कर रहा है. पैरेंट्स ने कहा कि व्हाट्सएप मैसेज कर अपने बच्चों की री-एडमीशन और तीन-तीन महीने की एडवांस फीस जमा करवाने का निर्देश अप्रैल में जारी किया गया था. इस दौरान शहर के कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों ने तीन-तीन महीने की फीस ले ली. अगस्त से ही एक बार पुन: इस तरह के लगातार मैसेज से पैरेंट्स परेशान हैं.
लॉकडाउन के बीच काम-धंधा बंद कर बैठे कई अभिभावक अब भी स्कूल प्रशासन के रवैये से काफी परेशान हैं. अभिभावकों ने कहा कि तय समय पर फीस जमा नहीं करने पर स्कूलों की ओर से लेट फाइन का भी मैसेज आ रहा है. इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी ज्योति कुमार ने कहा कि साक्ष्य देने के बाद ही कार्रवाई होगी.
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माननीय अभिभावक, आपसे कहना है कि फीस तो आपको जमा करनी ही है, फिर अनावश्यक रूप से 20 मई के बाद पांच रुपये प्रतिदिन की दर से 60 दिन×5= 300 रुपया बिलंब शुल्क क्यों बढ़ा रहे हैं. कृपया 20 मई से पहले फीस जमा कर दें. अनावश्यक सोशल मीडिया एवं पत्रकारों के गलत मैसेज या न्यूज से दिगभ्रमित न हों. स्पष्ट कर दूं कि सरकार का कोई भी पदाधिकारी स्कूलों की फीस माफ करने का आदेश न कभी दिया है न भविष्य में देंगे. सात प्रतिशत से ऊपर फीस को लॉकडाउन के बाद वापस कर दिया जायेगा. वैसे फिर मैं एक नेक सलाह दे रहा हूं कि बिहार सरकार का करीब-करीब सभी स्कूल हमलोगों के स्कूलों से हर तरह से काफी अच्छी कंडीशन में है. अगर आप आर्थिक रूप से प्राइवेट स्कूलों की फीस वहन करने से लाचार हैं तो अपने बच्चे को किसी भी सरकारी अच्छे स्कूलों में नामांकन करवा लें. यह धमकी भरा मैसेज इशान इंटरनेशनल समूह का है. इस तरह के लगातार धमकी भरा मैसेज पैरेंट्स के मोबाइल पर लगातार मिलता रहा है.
सीबीएसइ ने भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस में बढ़ोतरी न हो. सीबीएसइ के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को चिठ्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने शिक्षकों की सैलरी और छात्रों की स्कूल फीस बढ़ोतरी से जुड़े मामलों की जांच के लिए कहा है.
– सत्र 2020-21 में विद्यालय शुल्क में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जायेगी.
– केवल ट्यूशन फीस वो भी एक-एक महीने की लेनी है.
– ट्यूशन फीस जमा नहीं करने पर स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जायेगा.
– बिना भेदभाव के हर स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास के लिए आइडी, पासवर्ड व शिक्षण सामग्री दें.
– जब तक स्कूल बंद हैं, तब तक वार्षिक, यातायात या अन्य शुल्क नहीं लिया जाये.
– देरी से शुल्क भुगतान न करने पर अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा.
– स्कूल के शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन आदि में कटौती या रोक नहीं लगायी जायेगी.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya