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Kisan Bill 2020 : कृषि बिल पर टूट जायेगी एनडीए ? सुखबीर सिंह ने कह दी ये बात

Kisan BIll 2020: देश भर में कृषि बिल को लेकर किसानों (farmers protest) का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनों बिल का विरोध जब किसानों ने शुरू किया तब मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने भी बिल के विरोध में इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (harsimrat kaur badal) ने कहा कि आकाली दल ने बार बार इस बिल को लेकर अपना विरोध जताया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून पर आश्वासन देने में देरी की.

Kisan BIll 2020: देश भर में कृषि बिल को लेकर किसानों (farmers protest) का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनों बिल का विरोध जब किसानों ने शुरू किया तब मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने भी बिल के विरोध में इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (harsimrat kaur badal) ने कहा कि आकाली दल ने बार बार इस बिल को लेकर अपना विरोध जताया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून पर आश्वासन देने में देरी की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भटिंडा के सांसद हरसिमरत कौर कहा कि बिल पर दिये गये प्रधानमंत्री के आश्वसन के लिए मैं उनका आभारी हूं. पर मैं और भी आभारी होती अगर प्रधानमंत्री ने आश्वासन लगभग डेढ़ महीने पहले दिया होता. क्योंकि मैं उस समय बार-बार यह आग्रह कर रही थी की किसान बिल को लेकर आश्वास्त होना चाहते हैं.

वहीं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि अब पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार करेगी. बता दें कि अकाली दल राजग की सबसे पुराने सहयोगियो में से एक हैं. अकाली दल-भाजपा गठबंधन पर सुखबीर ने कहा कि मैं दुखी हूं. हमने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी. हम एनडीए के संस्थापक सदस्यों में से हैं पर बिल को लेकर हमारे विचार नहीं लिए गए इसलिए दुख होता है.

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साथ ही सुखबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह ट्वीट किया है कि बिल किसान विरोधी नहीं थे और बिल के आ जाने से एमएसपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. पर बिल में इस बात का जिक्र है या नहीं इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी. सुखबीर ने कहा कि उन्हें एक ट्वीट का आश्वासन भर नहीं चाहिए. प्रधानमंत्री को सदन के पटल पर एक आश्वासन देना चाहिए था.

अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि हम कैबिनेट में पहले दिन से ही इन अध्यादेशों पर आपत्ति दर्ज करा रहे थे. पर उसके बदले उन्हें यह कहा गया कि यह अध्यादेश है, पर जब बिल पेश किया जायेगा तो सभी चीजों का ध्यान रखा जायेगा. इसके बाद हमने सरकार से लगातार इस मुद्दे पर बात की. हम चाहते थे कि किसानों के मुद्दे हल हो जाये. फिर हमने यह स्पष्ट किया है कि यदि आप किसानों की इच्छा के अनुसार (विधेयकों) को नहीं बदलते हैं, तो हम कानून का समर्थन नहीं करेंगे.

Posted By: Pawan Singh

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