पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेल मंत्रालय की कोसी रेल में ब्रिज में रेलवे की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. आज के कार्यक्रम में 540 करोड़ रुपए के कोसी रेल महासेतु तथा 2180 करोड़ रुपये की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर में इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग चलता था. इसमें स्टूडेंट का सेलेक्शन यूपीएससी के माध्यम से होता था. यह इंस्टीच्यूट बंद हो गया है, इसको फिर से चालू करा दिया जाये.
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बाढ़ तक नयी रेल लाइन से एनटीपीसी को कोयले की उपलब्धता में आसानी होगी. इसके लिए हजारीबाग कोयला खादान के पास से तय रुट हजारीबाग-कोडरमा-तिलैया-राजगीर-बख्तियारपुर-बाढ़ से कोयले की दुलाई में आसानी होगी. मेरा आग्रह है कि जुरही-खुराडीह सेक्शन में चार सुरंगों को बनाया जाना है, इसे जल्द पूरा किया जाये, जिससे कोयले की निर्बाध आपूर्ति में सुविधा हो.
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नेऊरा-दनियांवा-बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा पूरा रेलखंड जो किउल से दानापुर आने का तीसरा रास्ता है और इसमें दूरी नौ किमी कम भी पड़ती है, इस लाइन के बन जाने से आवागमन में सुविधा होगी. इसे अटल जी के समय में स्वीकृत किया गया था. इसके बचे हुए काम को पूरा कर दिया जाये. तीन तीनों मांगों के पूरा होने से बिहार और झारखंड के लोगों को काफी फायदा होगा.
बिहार की कोसी रेल ब्रिज के अलावा कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया. विद्युत लोको शेड, बरौनी, नव विद्युतीकृत रेलमार्ग, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर रेलखंड, समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड, शिवनारायणपुर- भागलपुर रेलखंड, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड, करनौती-बख्तियारपुर लिंक बाईपास और बाढ़-बख्तियारपुर के बीच नवनिर्मित तीसरी रेल लाइन, नवनिर्मित किउल सेतु, लखीसराय-किउल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, नवनिर्मित सुपौल-सरायगढ़-आसनपुर कुपहा-राधोपुर रेलखण्ड, नवनिर्मित रेलमार्ग हाजीपुर वैशाली रेलखंड, नवनिर्मित रेलमार्ग इस्लामपुर-नटेसर रेलमार्ग, विद्युतीकृत कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी रेल मार्ग तथा विद्युतीकृत रेलमार्ग सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर का उद्घाटन किया गया. प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री ने निर्मित नये रेल मार्गों पर ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. उसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज 18 सितंबर से राजगीर में मलमास मेले की शुरुआत हो गयी है, जिसमें अवधारणा है कि 33 कोटि देवी-देवता इस दौरान निवास करते हैं. वहां कुंड में स्नान करने की भी मान्यता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब मैं रेल मंत्री था, उसी समय कोसी महासेतु का शिलान्यास 06 जून, 2003 को हुआ था. इसके लिए हमने कोसी महासेतु के दोनों तरफ एप्रोच रोड के लिए स्थल का मुआयना कर लोगों से बातचीत की थी. ईस्ट-वेस्ट एलाइन्मेंट भी कोसी ब्रिज के पास ही तय किया गया है. वह दिन इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि हमने प्रधानमंत्री से मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी, जिसकी घोषणा अटल जी ने उसी दिन की थी. उन्होंने कहा कि 12 अगस्त 2018 के रेल मंत्री के कार्यक्रम में हम भी शामिल हुए थे, जिसमें रेल मंत्री ने इस कार्य को तेजी से पूर्ण करने का अधिकारियों को निर्देश भी दिया था. मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आज आपके द्वारा इस महासेतु का उद्घाटन हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हाजीपुर से वैशाली नयी रेल लाईन की भी शुरुआत की जा रही है, जिसे सुगौली तक जोड़ने की योजना है. सुगौली भी ऐतिहासिक जगह है, जहां भारत और नेपाल के बीच वार्ता हुई थी. 10 फरवरी, 2004 को वैशाली में अटल जी ने ही इसका शिलान्यास किया था. इसके एक हिस्से का काम पूर्ण हुआ है, जिसका आज उद्घाटन हो रहा है. इसे सुगौली तक भी पूर्ण किया जाये. उन्होंने कहा कि बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन का उद्घाटन हो रहा है. अटल जी की सरकार के दौरान तत्कालीन ऊर्जा मंत्री पीआर कुमार मंगलम ने बिहार में पॉवर प्लांट खोलने के लिए मुझे जगह के बारे में पूछा था और उसके आधार पर बाढ़ में एनटीपीसी की स्थापना की गयी. बाढ़ तक नयी रेल लाइन से एनटीपीसी को कोयले की उपलब्धता में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि इस्लामपुर-नटेसर रेल लाइन के पूर्ण हो जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. पटना से गया जाने का पुराना सड़क मार्ग भी पहले इधर से ही था. अब फतुहा-इस्लामपुर से नटेसर होते हुए गया के लिए नया रेल मार्ग मिल जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अगस्त, 2018 के कार्यक्रम में मैंने रेल मंत्री से आग्रह किया था कि नेऊरा-दनियांवा-बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा पूरा रेलखंड जो किउल से दानापुर आने का तीसरा रास्ता है और इसमें दूरी नौ किमी कम भी पड़ती है, इस लाइन के बन जाने से आवागमन में सुविधा होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमारे बाहर फंसे श्रमिकों को राज्य में वापस लाने में रेलवे ने काफी मदद की है. विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन कराया गया, जिससे 23 लाख से ज्यादा श्रमिक बाहर से बिहार आये. हमारा निवेदन है कि श्रमिकों के लिए प्रवासी शब्द का प्रयोग ना किया जाये, ये सभी देश के वासी हैं, आज के इस विशेष कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया.