Jharkhand News : धनबाद : भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड के खुलासे के बाद विकास सिंह एवं उसके गुर्गे अचानक सुर्खियों में आ गये हैं. रंगदारी के लिए अक्सर मारपीट व हंगामा करने वाले विकास व उसके गुर्गे कई आपराधिक मामलों को अंजाम दे चुके हैं. धनबाद पुलिस के लिए ये गैंग नया सिरदर्द बन गया है.
लुबी सर्कुलर रोड स्थित अंबिकापुरम में रहने वाला विकास सिंह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय है. पहले वह रघुकुल के मुकेश सिंह (अब स्वर्गीय) के साथ काम करता था. बरटांड़ में कांग्रेस नेता सुरेश सिंह (अब दिवंगत) के काफिले पर बमबाजी मामले में विकास का नाम आया था. बाद के दिनों में उसका रघुकुल वालों से झगड़ा हो गया.
एक बार कोर्ट परिसर में रघुकुल के एकलव्य सिंह (पूर्व डिप्टी मेयर) से उसका झगड़ा हो चुका है. धीरे-धीरे विकास ने बस स्टैंड बरटांड़, सिटी सेंटर क्षेत्र में रंगदारी वसूलने का काम शुरू किया. रंगदारी का विरोध करने पर बुंदेला बस के मालिक सुधीर सिंह की हत्या करा दी. इस मामले में विकास के खास गुर्गे को सजा हो चुकी है, जबकि विकास के खिलाफ अब भी सुनवाई चल रही है. वह टेंडर मैनेज करने का काम भी करता है.
दो आउटर्सोसिंग का काम देखनेवाले भाजपा नेता सतीश सिंह की हत्या करा कर विकास सिंह एवं उसके गैंग के सदस्य आउटर्सोसिंग की रंगदारी में धाक जमाना चाहते हैं. बताया जाता है कि रंगदारी को लेकर ही सतीश सिंह से इन लोगों का विवाद चल रहा था. सतीश सिंह को धनबाद विधायक राज सिन्हा का खासमखास माना जाता था.
सूत्रों के अनुसार इस मामले में सतीश साव उर्फ गांधी का नाम मुख्य रूप से आ रहा है. उसका उपयोग सतीश सिंह पहले कई बार विरोधियों को जवाब देने में कर चुके थे. बाद में सतीश सिंह व सतीश साव में पैसे को लेकर अनबन हुई. इसके बाद सतीश साव एवं विकास सिंह ने मिल कर सतीश सिंह की हत्या करा दी. अब यह नया गैंग धनबाद पुलिस के लिए नया सिरदर्द बन चुका है.
Posted By : Guru Swarup Mishra