नयी दिल्ली : पंजाब में कथित अवैध शराब फैक्ट्रियों पर रोक लगाने की मांग करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि उन्हें मिल रहा संरक्षण बंद किया जाना चाहिए. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के शमशेर सिंह ढुल्लों ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से चलाई जा रही इन डिस्टलरियों की जहरीली शराब पिछले माह 136 लोगों की जान ले चुकी है और करीब 150 लोगों का अस्पतालों में इलाज चला. कई लोगों पर जहरीली शराब के कारण गंभीर दुष्प्रभाव पडे हैं, किसी की आंखें चली गईं और किसी के गुर्दे खराब हो गए.
उन्होंने प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि अवैध शराब बनाने वाली फैक्टरियों को संरक्षण दिया जा रहा है जिसे बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी अवैध नौ फैक्टरियां पकडी जा चुकी हैं लेकिन इनके मालिकों को अब तक नहीं पकडा गया है. ढुल्लों ने कहा कि यह अवैध शराब पडोसी राज्यों हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश आदि में बेची जाती है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे और ऐसी फैक्टरियां बंद कराए.
शून्यकाल में ही बीजद के मुजीबुल्ला खान ने कहा कि पिछले 40 साल से ओडिशा में अल्पसंख्यकों की आबादी मात्र दो फीसदी या तीन फीसदी ही बताई जा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है. जरूर इसमें कहीं कुछ चूक हो रही है या कोई समस्या है. इसे दूर किया जाना चाहिए अन्यथा अल्पसंख्यकों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा.
भाजपा के टी जी वेंकटेश ने शून्यकाल में कहा कि कई थर्मल पॉवर परियोजनाएं बंद हो गईं क्योंकि बिजली बोर्ड बिलिंग चार्ज के रूप में अधिक कीमत वसूलते हैं. दुनिया भर में यह कीमत मात्र 40 पैसा है जबकि हमारे देश में यह बहुत ज्यादा है. अन्नाद्रमक के एम थंबीदुरई ने कहा कि तमिलनाडु कृषि के क्षेत्र में अग्रणी है और कोरोना वायरस महामारी की वजह से उसे आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है इसलिए केंद्र सरकार उसकी लंबित ‘सीएमआर’ सब्सिडी की राशि यथाशीघ्र जारी करे.
राकांपा की फौजिया खान ने भूमि अधिकार के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार करने की मांग करते हुए कहा कि जमीन के स्वामत्वि अधिकार से जुडे कई मामले अदालतों में लंबित हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ”लैंड टाइटलिंग एक्ट” का मसौदा जारी किया जा चुका है. अत: सरकार जल्द से जल्द संबंधित विधेयक लाए ताकि लोगों की परेशानी दूर हो सके. शून्यकाल में ही द्रमुक के तिरूचि शिवा ने आरक्षण और स्थानीय स्तर पर बढती बेरोजगारी का, वहीं माकपा के इलामारम करीम ने भविष्य निधि पेंशन योजना से जुडे मुद्दे उठाए.
Posted By : Pawan Singh