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पुराने सफर के दिन गए, भारतीय रेलवे के ट्रैक पर मिलेगी 500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

भारत में यूरोप की फेवरेट मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी तेज हो गई है. बीएचईएल ने मैग्लेव ट्रेन को भारत लाने के लिए स्विटजरलैंड की कंपनी स्विसरैपिड एजी से हाथ मिलाया है. भेल (BHEL) की कई क्षेत्रों में कारोबार फैलाने की योजना है. इसमें अर्बन ट्रांसपोर्ट भी शामिल है. इसी प्रोजेक्ट के तहत कंपनी भारत में मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी कर रही है. मैग्लेव रेल चुंबकीय गुणों के कारण पटरियों के ठीक ऊपर हवा में दौड़ती है. इस कारण मैग्लेव में ऊर्जा की बेहद कम खपत होती है. यह आसानी से 500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. मैग्लेव की परिचालन और रखरखाव की लागत भी काफी कम होती है. भारत में मैग्लेव ट्रेन को लाने के लिए बीएचईएल ने स्विस रैपिड एजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

भारत में यूरोप की फेवरेट मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी तेज हो गई है. बीएचईएल ने मैग्लेव ट्रेन को भारत लाने के लिए स्विटजरलैंड की कंपनी स्विसरैपिड एजी से हाथ मिलाया है. भेल (BHEL) की कई क्षेत्रों में कारोबार फैलाने की योजना है. इसमें अर्बन ट्रांसपोर्ट भी शामिल है. इसी प्रोजेक्ट के तहत कंपनी भारत में मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी कर रही है. मैग्लेव रेल चुंबकीय गुणों के कारण पटरियों के ठीक ऊपर हवा में दौड़ती है. इस कारण मैग्लेव में ऊर्जा की बेहद कम खपत होती है. यह आसानी से 500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. मैग्लेव के परिचालन और रखरखाव की लागत भी काफी कम होती है. भारत में मैग्लेव ट्रेन को लाने के लिए बीएचईएल ने स्विस रैपिड एजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

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