दशमत सोरेन, जमशेदपुर : सब्जियों की आसमान छूती कीमत से आम जनता परेशान है. महंगाई के बोझ तले दबी जनता पर इससे दोहरी मार पड़ रही है. हाट-बाजार में कीमतें कम होने की फिलहाल दूर-दूर तक कोई उम्मीद दिखायी नहीं दे रही. सब्जियों के दाम में हर दिन लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महज 15 दिन पहले यानी 30 अगस्त को प्याज की कीमत खुदरा बाजार में प्रति किलो 18-20 रुपये थी. अब खुदरा बाजार में प्याज प्रति किलो 35 रुपये में बिक रही है.
आम उपभोक्ता परेशान : थोक बाजार में प्याज का दाम मात्र 1400 रुपये प्रति क्विंटल था. लेकिन 15 दिनों में ही प्याज की कीमत में दोगुना यानी 2800 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी. वहीं आलू की बात करें, तो सितंबर महीने की शुरुआत में थोक बाजार में इसकी कीमत 2500 रुपये प्रति क्विंटल थी. 15 दिन में प्रति क्विंटल में 340 रुपये का उछाल आया. वर्तमान समय में इसका थोक भाव 2840 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. खुदरा बाजार में आलू 35 रुपये प्रति किलो यानी एक क्विंटल का दाम 3500 रुपये हो गया है.
मजे बात तो यह है कि खुदरा बाजार में आलू और प्याज की कीमत प्रति किलो 35-35 रुपये हो गयी है. प्रतीत हो रहा है जैसे दोनों के दाम में होड़ लगी हो. दोनों एक-दूसरे का पीछा कर ऊंची छलांग लगा रहे हैं. कुल मिलाकर महंगाई की मार से आम उपभोक्ता परेशान हैं. कम आय वर्ग के लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा कि घर के असंतुलित बजट को कैसे संभालें. अनाज, हरी सब्जियां, फल सबकी कीमतें आसमान छू रही हैं. सब्जियों के उत्पादन में कमी नहीं आयी है, इसके बावजूद कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
खुदरा बाजार
~18-20 से बढ़ कर ~36-40
थोक बाजार
“1400 से बढ़ कर “2800
खुदरा बाजार में सब्जियों के दाम (प्रति किलो में)
आलू 35 रुपये
प्याज 35 रुपये
टमाटर 70-80 रुपये
बरबटी 60-70 रुपये
कुंदरु 50-60 रुपये
पटल 50-60 रुपये
मूली 40-50 रुपये
कुम्हड़ा 20 रुपये
लौकी 30-40 रुपये
भिंडी 50-60 रुपये
थोक भाव (प्रति क्विंटल में)
तारीख आलू प्याज
30 अगस्त 500 1400
03 सितंबर 2500 1800
13 सितंबर 2680 2400
14 सितंबर 2840 2800
15 सितंबर 2840 2800
बारिश की वजह से साग-सब्जी को नुकसान हुआ है. साउथ से टमाटर समेत अन्य सब्जियां कम आ रही हैं. लोकल से भी हाट-बाजार में कम सब्जी आ रही है. जिसकी वजह से सब्जियों के दाम में थोड़ा-बहुत उछाल आया है. खुदरा कारोबारियों की मनमानी की वजह से भी सब्जियों का दाम बढ़ा हुआ है.
-अनिल मंडल, सब्जी के थोक विक्रेता
बाजार समिति के पास साग-सब्जियों के मूल्य नियंत्रण पर कंट्रोलिंग पावर नहीं है. किसान व व्यापारी अपने हिसाब से मूल्य निर्धारित करते हैं. जिला प्रशासन व सरकार को ऐसे में हस्तक्षेप कर आम जनता के हित में उपाय निकालना चाहिए.
-संजय कच्छप, सचिव, कृषि उत्पादन बाजार समिति
Post by : Pritish Sahay
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