Jharkhand news, Ranchi news : रांची : बच्चों में कृमि संक्रमण से जुड़े जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम पखवाड़ा का आयोजन हो रहा है. इसके तहत कंटेंनमेंट जोन को छोड़ कर राज्य के 10 जिलों के बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलायी जायेगी. इस दौरान सितंबर 2020 में कृमि मुक्त किये जाने वाले लक्षित बच्चों की कुल संख्या 63 लाख निर्धारित की गयी है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार की ओर से 15 सितंबर से 30 सितंबर, 2020 तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है.
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के कारण इस बार सहिया के माध्यम से 1 साल के बच्चे से लेकर 19 साल के युवा को घर-घर जाकर कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलायी जायेगी. कोरोना संक्रमण के कारण चिह्नित किये गये कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जायेगा. इन क्षेत्रों के कंटेनमेंट जोन मुक्त होने के बाद यहां के बच्चों को दवा खिलायी जायेगी. झारखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन एवीडेंस सेक्शन की तकनीकी सहायता से किया जा रहा है.
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवाड़ा के तहत कंटेनमेंट जोन को छोड़ कर राज्य के 10 जिले बोकारो, धनबाद, रामगढ़, साहिबगंज, कोडरमा, जामताड़ा, पाकुड़, पलामू, सरायकेला-खरसावां और लातेहार जिले में 15 से 30 सितंबर, 2020 तक यह कार्यक्रम चलेगा.
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सहिया द्वारा घर- घर जाकर 1 साल के बच्चे से लेकर 19 साल के युवा को कृमि मुक्ति दवा एल्बेंडाजोल दिया जायेगा. इसके तहत 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल (400 मिलीग्राम) की आधी गोली को पूरी तरह से चम्मच से चूर कर एवं साफ पानी में मिला कर चम्मच से पिलायें. वहीं, 2 से 3 साल तक के बच्चों को एक पूरी गोली चूर कर पानी के साथ दें. जबकि, 3 साल के बच्चे से लेकर 19 साल के युवा को एल्बेंडाजोल की एक पूरी गोली पानी के साथ चबा कर खिलाना चाहिए.
बताया गया है कि कृमि नियंत्रण की दवा सभी के लिए सुरक्षित है. लेकिन, गंभीर कृमि संक्रमण वाले बच्चों में यह दवाई खाने पर कुछ मामूली साइड इफैक्ट हो सकते हैं जैसे- जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, थकान आदि. किसी भी तरह की साइड इफैक्ट होने पर राज्य सरकार ने 104 (स्वास्थ्य हेल्पलाइन सेवा) तथा 108 (एंबुलेंस) के साथ- साथ सभी जिला व प्रखंड में आपातकालीन चिकित्सा टीम भी तैयार रखा गया है.
इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में सभी बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी स्थिति, संज्ञानात्मक विकास (cognitive development) तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, भारत में 1 से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है. वहीं, विश्व में भारत उन देशों में से एक है, जहां कृमि संक्रमण और इससे संबंधित रोग सबसे अधिक पाये जाते हैं. कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल (400 मिलीग्राम) दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है.
Posted By : Samir Ranjan.