अनिकेत त्रिवेदी, पटना : विधानसभा चुनाव की तारीख कभी भी घोषित हो सकती है़ गठबंधन में रही विभिन्न राजनीति पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे की कशमकश चल रही है़ सीटों में बंटवारे को लेकर सबसे दिलचस्प समझौता भाजपा व जदयू के बीच देखने को मिलने वाला है़ सीट बंटवारे को लेकर दोनों ही दल समस्या नहीं हाने की बात कह रहे हैं, क्योंकि दोनों पार्टियां पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग गठबंधन में रही थीं. कई सीटों पर इनकी सीधी टक्कर हुई थी़ 2015 विधानसभा चुनाव के परिणाम के आंकड़ों को देखें तो करीब 52 सीटें ऐसी रही हैं. जहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था़ 22 सीटें तो ऐसी रही हैं कि जहां एक- दूसरे के बीच जीत का अंतर दस हजार के भी कम का रहा है़ ऐसे में इस बार देखना कभी दिलचस्प होगा कि इन सीटों के बंटवारे पर पार्टियां क्या स्टैंड लेती हैं? मामला कहां तक फंसता है़
एक और दूसरे नंबर पर रही 52 सीटों पर 24 सीटें ऐसी रही थीं, जहां भाजपा के उम्मीदवारों ने बाजी मारी थी़ भाजपा ने बगहा, नौतन, चनपटिया, कल्याणपुर, पिपरा, मधुबन, अमौर, सिकटी, कटिहार, जाले, कुरहानी, मुजफ्फरपुर, बैकुंठपुर, सीवान, लखीसराय, बिहार शरीफ, बाढ़, दीघा, भभुआ, गोह, गौरा, हिसुआ, वरसालिगंज, झाझा पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में इस चुनाव में इन सीटों पर किस दल के उम्मीदवार होंगे, यह दिलचस्प होगा.
जदयू पिछले चुनाव में भाजपा से सीधी टक्कर में 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें सिकटा, दरौंधा, महाराजगंज, एकमा,मेहनार, मोरवा, सरायरंजन, मटिहानी, फुलपारस, लौकाहा, निर्मली, सुपौल, रानीगंज, रुपौली, बिहारीगंज, बेनीपुर, जिरादेई, परबत्ता, गोपालपुर, अमरपुर, बेलहार, राजगीर, इस्लामपुर, नालंदा, अगिआंव, राजपुर, दिनारा, नवीनगर सीटें थी़ं ऐसे में इन सीटों पर जदयू का दावा मजबूत होगा़ मामला उन सीटों पर फंस सकता है, जहां जीत का अंतर दस हजार से कम कर रहा है़ इनमें कई सीटें ऐसी थीं, जहां मामला पांच हजार से भी कम का अंतर हो पाया था़ इन सीटों पर दावेदारी को लेकर घमासान मच सकता है़
गोपालपुर, लखीसराय, बिहारशरीफ, राजगीर, नालंदा, बाढ़, भभुआ, दिनारा, गोह, नवीनगर, गौरा, सिकटी, रुपौली, जाले, सिवान, जिरादेई, बगहा, चनपटिया, सिकटा, एकमा, अमौर.
posted by ashish jha