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दिल्ली में रेलवे लाइन किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों के लिए आयी बड़ी खबर, केन्द्र सरकार ने कही ये बात

Delhi Jhuggi : दिल्ली में रेलवे लाइन किनारे बसीं 48 हजार झुग्गियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज एक बड़ी खबर आयी है.

Delhi Jhuggi : दिल्ली में रेलवे लाइन किनारे बसीं 48 हजार झुग्गियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज एक बड़ी खबर आयी है. केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे वाली 48 हजार झुग्गियां नहीं हटेंगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा कि रेलवे, केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर बात करेंगे और जल्द ही हल निकालेंगे. फिलहाल कोर्ट ने मामले को 4 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में एक निर्णय में दिल्ली में रेल पटरियों के पास स्थित 48 हजार झुग्गियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया था. न्यायालय ने यह भी कहा था कि उसके आदेश के क्रियान्वयन में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन्‍हें तीन माह के भीतर हटाने का निर्देश दिया थाबता दें कि दिल्ली में प्रमुख रूप से मंडावली, विवेक विहार, आनंद विहार, ओखला, निजामुद्दीन, सरोजनी नगर, शिवाजी ब्रिज, तिलक ब्रिज, शकूरबस्ती, इंद्रपुरी, नारायणा, सराय रोहिल्ला, सब्जी मंडी, दया बस्ती और आजादपुर में रेलवे लाइन के किनारे झुग्गियां बसी हैं.

वहीं दिल्ली में रेलवे लाइन किनारे बसीं 48 हजार झुग्गियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजधानी के राजनीति राजनीति में भी उबाल आ गया था. आम आदमी पार्टी जहां केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गयी थी तो वहीं भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को खाली पड़े 52 हजार फ्लैट, झुग्गी वालों को देने की मांग की थी. जबकि कांग्रेस झुग्गी-झोपड़ियों को टूटने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी.

Posted by : Rajat Kumar

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