21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद का मॉनसून सत्र: मोदी सरकार को इन मुद्दों पर घेरेगी कांग्रेस, 4 विधेयकों का होगा विरोध

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के बीच संसद का मॉनसून सत्र (Parliament monsoon session) बुलाया गया है. कांग्रेस (Congress) ने सत्र के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर घेरेगी और उससे सवालों के जवाब जानना चाहेगी. भारत और चीन का मुद्दा संसद में प्रमुखता से उठाया जायेगा. इसके साथ ही देश में कोरोना की स्थिति पर भी सवाल पूछे जायेंगे.

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के बीच संसद का मॉनसून सत्र (Parliament monsoon session) बुलाया गया है. कांग्रेस (Congress) ने सत्र के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर घेरेगी और उससे सवालों के जवाब जानना चाहेगी. भारत और चीन का मुद्दा संसद में प्रमुखता से उठाया जायेगा. इसके साथ ही देश में कोरोना की स्थिति पर भी सवाल पूछे जायेंगे.

उन्होंने कहा कि हमने कुछ विधेयकों के विरोध का भी प्रस्ताव तैयार किया है. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी, भारत-चीन लद्दाख में आमने-सामने हैं और तनाव है, जीडीपी में गड़बड़ी है, मुद्रास्फीति, नई शिक्षा नीति और ऐसे कई मुद्दे हैं जिसपर जनता सरकार से जवाब जानना चाहती है. भारत चीन सीमा विवाद, बढ़ती बेरोजगारी और जीडीपी का मुद्दा शिव सेना भी सदन में उठाने वाली है.

4 विधेयकों का होगा विरोध

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद के मानसून सत्र में सरकार द्वारा लाए जाने वाले 11 विधेयकों में से चार पर विरोध जतायेंगे और अपनी चिंताओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगेगे. ये विधेयक पूर्व में लाये गये अध्यादेशों का स्थान लेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि पार्टी समान सोच वाले दलों के साथ संपर्क में है और उसने संसद के दोनों सदनों में कृषि से जुड़े तीन विधेयकों और बैंकिंग नियमन कानून का पुरजोर विरोध करने का फैसला किया है.

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर व्यापक इंतजाम के बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. समान सोच वाले विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए साझा रणनीति बनाने का फैसला किया है.

Also Read: कमलनाथ और दिग्विजय मध्य प्रदेश के सबसे बड़े गद्दार हैं, सिंधिया ने कांग्रेस पर बोला हमला

डिजिटल तरीके से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा, ‘हम चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों का निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी. हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री आते नहीं हैं और हम चाहते हैं कि वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मौजूद रहें.’ विपक्षी दल संयुक्त रणनीति के लिए कब बैठक करेंगे, इस बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि समान सोच वाले विभिन्न दलों के नेता ऑनलाइन तरीके से बात कर रहे हैं और इस पर रणनीति बन रही है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, के सी वेणुगोपाल और खुद मैंने समान सोच वाले विपक्षी दलों से चर्चा की है. हम लगातार उनके साथ संपर्क में हैं. हमने उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों तथा अध्यादेशों पर अपनाए जाने वाले रूख को लेकर चर्चा की है.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समान सोच वाले दलों ने चार अध्यादेशों का विरोध किया है, जिसे सरकार ने पूर्व में लागू किया था और अब इसके स्थान पर विधेयक लाये जायेंगे.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें