आसनसोल : पूर्व सांसद सह एटक के प्रदेश अध्यक्ष व कोलियरी मजदूर सभा (सीएमएस) के महासचिव आरसी सिंह ने कहा कि कोल इंडिया के तुगलगी फरमान से कंपनी को खनन के लिए एक छटांक भी जमीन नहीं दी जायेगी. मुआवजा के रूप से जमीन मालिक को नौकरी के साथ जमीन की कीमत भी बढ़ानी होगी. निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की जमीन अधिग्रहण नीति का एटक विरोध करती है और सभी यूनियनों को साथ लेकर इसके खिलाफ एकदिनी हड़ताल की घोषणा जल्द की जाएगी. आरसी सिंह ने कहा कि इसके खिलाफ एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर निर्णय वापस लेने की अपील की है. सरकार यदि अपने निर्णय पर अडिग रहती है तो कोयला उद्योग के लिए आनेवाले दिन काफी चुनौतीपूर्ण होगा.
बता दें कि कोल इंडिया के 409 बोर्ड मीटिंग में जमीन के बदले मुआवजा के रूप में एक व्यक्ति को नौकरी देने की योजना को समाप्त करने की मंजूरी दी है. इसके खिलाफ एटक की महासचिव श्रीमती कौर ने केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है.
एटक के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि खनन के लिए जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती रही है. जमीन दाता को दो एकड़ जमीन के बदले एक नौकरी और मुआवजा राशि मिलती थी. इसे समाप्त करने की मंजूरी दी गयी है और मुआवजा की राशि किस्तों में देने का प्रावधान लाया गया है. इस नीति से जमीन अधिग्रहण करना सबसे बड़ी चुनौती होगी, जिसका सीधा असर खनन पर पड़ेगा. इस नीति के तहत जमीन अधिग्रहण भी नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जमीन के बदले नौकरी और जमीन की मुआवजा राशि बढ़ानी होगी, खदान से प्रभावित इलाके के लोगों को रोजगार के साथ आवास देकर पुनर्वास करना होगा.
इस मांग को लेकर सर्वभारतीय स्तर पर यूनियन नेताओं की जल्द बैठक होगी. इस बैठक में एकदिन की हड़ताल का भी निर्णय लिया जा सकता है. रक्षा उपकरण बनानेवाली इकाईयों को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ देशभर में 12 अक्टूबर से लगातार हड़ताल करने के निर्णय केंद्रीय यूनियनों ने किया है. इस हड़ताल में शामिल होने के लिए एक दिन कोल इंडिया में भी हड़ताल का निर्णय हो सकता है.
Posted By: Pawan Singh