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अब लगेगा बिजली का प्रीपेड मीटर, जानिये उपभोक्ताओं को मिलेंगे क्या-क्या अधिकार

अब नया बिजली कनेक्शन लेना है, तो पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना होगा. वर्ना कनेक्शन नहीं मिलेगा. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स अॉफ कंज्यूमर) रूल्स 2020 लागू किये जाने के साथ ही यह प्रावधान लागू हो जायेगा.

सुनील चौधरी, रांची : अब नया बिजली कनेक्शन लेना है, तो पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना होगा. वर्ना कनेक्शन नहीं मिलेगा. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स अॉफ कंज्यूमर) रूल्स 2020 लागू किये जाने के साथ ही यह प्रावधान लागू हो जायेगा. फिलहाल मंत्रालय ने इसका ड्राफ्ट (मसौदा) तैयार कर राज्य सरकारों को भेजा है. इस पर राज्य सरकारों से 30 सितंबर तक मंतव्य मांगा गया है.

(राइट्स ऑफ कंज्यूमर) रूल्स

  • बिना प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नया कनेक्शन नहीं

  • केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी

  • 2020 का ड्राफ्ट किया तैयार

  • 60 दिनों के बाद बिल भेजने पर देनी होगी उपभोक्ताओं को पांच से 10 प्रतिशत की छूट

  • 30 सितंबर तक राज्यों से मांगा गया है मंतव्य

इन मामलों में मुआवजा के हकदार होंगे उपभोक्ता

  • निर्धारित समय तक बिजली आपूर्ति नहीं करने पर

  • बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित होने पर

  • कनेक्शन व शिफ्टिंग में विलंब होने पर

  • उपभोक्ताओं की श्रेणी व लोड निर्धारण में विलंब होने पर

  • खराब मीटर बदलने व वोल्टेज की समस्या दूर करने में विलंब

  • बिजली बिल से संबंधित शिकायत दूर करने में देर

यह नियम (रूल्स) उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है. नये नियम के तहत उपभोक्ताओं की मांग पर बिजली उपलब्ध कराना वितरण लाइसेंसी की जिम्मेदारी होगी. वहीं उपभोक्ताओं को न्यूनतम मानक स्तर की बिजली पाने का अधिकार है. ऐसा नहीं होने पर उपभोक्ता मुआवजा के हकदार भी होंगे. नये ड्राफ्ट में मीटरिंग पर विशेष जोर दिया गया है.

कहा गया है कि बिना प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नया कनेक्शन नहीं दिया जा सकता. कौन सा मीटर लगा, इसकी आयोग से मंजूरी लेकर जानकारी देनी होगी. नया कनेक्शन लेते समय उपभोक्ता मीटर खरीद सकता है या वितरण लाइसेंसी द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर इसे उपलब्ध कराया जा सकता है. मीटर रीडिंग नियमित करनी होगी. स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग महीने में एक बार लेनी होगी.

60 दिन विलंब होने पर देनी होगी छूट : उपभोक्ताओं के अधिकार में यह प्रावधान किया गया है कि एक वित्तीय वर्ष में वितरण लाइसेंसी दो से अधिक प्रोविजनल बिल नहीं दे सकता. ऐसी परिस्थिति में उपभोक्ता प्रोविजनल बिल का भुगतान करने से इनकार कर सकता है. वहीं 60 दिनों से अधिक विलंब कर बिल भेजे जाने पर उपभोक्ताओं को बिल भुगतान में दो से पांच प्रतिशत तक या आयोग द्वारा निर्धारित दर पर छूट देनी होगी.

उपभोक्ता मुआवजा के हकदार होंगे : प्रारूप के मानक के अनुरूप बिजली सुविधा नहीं मिलने पर उपभोक्ता मुआवजा के हकदार होंगे. उपभोक्ता को मुआवजा कैसे मिले, इसके लिए आयोग को वैसी व्यवस्था बनानी होगी .

Post by : Pritish Sahay

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