Jharkhand News : रांची : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मानव तस्करी की शिकार झारखंड की बच्चियों को गुजरात से मुक्त कराने में तत्परता दिखाने को लेकर झारखंड व गुजरात पुलिस की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि आपने त्वरित कार्रवाई कर इन बच्चियों को सकुशल बरामद कर इनकी जिंदगी बचायी है बचपन बचाओ आंदोलन झारखंड को मानव तस्करी मुक्त बनाने के लिए आगे भी कार्य करता रहेगा. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पूरा भरोसा जताया.
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर झारखंड पुलिस और गुजरात पुलिस की वाहवाही की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि आपकी तत्परता की वजह से झारखंड की बच्चियों की जिंदगी बची है. झारखंड को मानव तस्करी मुक्त बनाने के लिए बचपन बचाओ आंदोलन राज्य में कार्य करता रहेगा. उन्हें पूरा उम्मीद है कि इस कार्य में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा. आपको बता दें कि पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची के अनगड़ा से बच्चियों की तस्करी गुजरात में की गयी थी. इसके बाद झारखंड पुलिस रेस हो गयी थी. गुजरात पुलिस के सहयोग से बच्चियों को बरामद कर लिया गया है.
Bravo @GujaratPolice and @JharkhandPolice! Your timely action saved the lives of 20 girls who were trafficked to Gujarat. @BBAIndia will continue to work with you to end child trafficking in your State, and I have complete faith that you will do it @HemantSorenJMM ji!
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) September 11, 2020
गुजरात की सूरत पुलिस ने पलसाना थाने के मखिंगा गांव के झींगा कारखाना में बंधक बनी रांची की लड़कियों को मानव तस्करों से मुक्त कराया था. मुक्त हुई लड़कियों में छह नाबालिग हैं. पुलिस ने इस केस में मंजू नामक की महिला को गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार मंजू मानव तस्करी गिरोह से जुड़ी हुई है. आरोप है कि वह झारखंड के कई जिलों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर यहां लाती थी.
डीआइजी अखिलेश झा के निर्देश पर रांची पुलिस की एक टीम लड़कियों को लाने गुजरात गयी थी. इस मामले में तीन सितंबर को रांची के अनगड़ा के बुढ़ाकोचा गांव निवासी भजन बेदिया ने अनगड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी और बेटी को सकुशल वापस लाने का आग्रह किया था.
भजन बेदिया ने पुलिस को बताया कि बीते छह अगस्त को अनगड़ा के सारजोमडीह निवासी मंजू उनकी नाबालिग बेटी समेत आसपास की कई लड़कियों को सिलाई ट्रेनिंग के नाम पर बहला-फुसला कर गुजरात ले गयी है और वहां मछली पैकेजिंग के काम में लगा दिया है. उनसे 12 घंटे काम कराया जा रहा है. इस शिकायत के बाद रांची पुलिस एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से सूरत के पलसाना थाना से संपर्क की. इसके बाद इन बच्चियों को रेस्क्यू किया गया.
Posted By : Guru Swarup Mishra